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एक सुर में बोले सभी सर्किल रेट न बढ़ाया जाए

सर्किल रेट पहले तीन साल में बढ़ाए जाते रहे अब हर साल बढ़ाए जाते हैं। पिछले साल तीस फीसदी इससे पहले चालीस फीसदी तक सर्किल रेट बढ़ा दिए गए। इस बार किसी सूरत में सर्किल रेट नहीं बढ़ने चाहिए। बैठक में सभी ने...

एक सुर में बोले सभी सर्किल रेट न बढ़ाया जाए
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादThu, 22 Jun 2017 08:21 PM
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सर्किल रेट पहले तीन साल में बढ़ाए जाते रहे अब हर साल बढ़ाए जाते हैं। पिछले साल तीस फीसदी इससे पहले चालीस फीसदी तक सर्किल रेट बढ़ा दिए गए। इस बार किसी सूरत में सर्किल रेट नहीं बढ़ने चाहिए। बैठक में सभी ने एक सुर में इसी तरह बात रखी। कई अधिवक्ताओं ने भी सर्किल रेट कम करने की रिफारिश की। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सभी की बात सुनी। कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। एआईजी स्टांप ने कहा कि सभी के विचारों से शासन को अवगत करवाया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी के सुझावों एवं प्रस्तावों को नोट कर लिया है। एक और बैठक कर आपके सुझाव को प्रस्ताव के रुप में अन्तिम रुप दिया जायेगा। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हिमांशु गौतम, एआईजी स्टांप मुकेश कुमार श्रीवास्तव, सब रजिस्ट्रार अमिताभ कुमार व तुषार चंद्र, एसडीएम विनय कुमार सिंह, रामप्रकाश, सभी तहसीलों उप निबन्धक, अधिवक्ता, विधायक कुंदरकी हाजी रिजवान, संजीव यादव, महेश अग्रवाल, देवेंद्र शर्मा, अतर सिंह आदि मौजूद रहे। प्रापर्टी के दाम बढ़े रजिस्ट्री घटी पहले तीन साल में सर्किल रेट बढ़ाया जाता था। अब प्रत्येक वर्ष बढ़ाने की प्रथा है। पहले 10 प्रतिशत बढता था अब सर्किल रेट पर 30 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि हो रही है। गरीबों को नुकसान अमीरों को फायदा इनकम टैक्स की बजह से बैनामे कम हो रहे हैं और गरीबों को नुकसान हो रहा है। रोड के 50 मीटर अंदर तथा मेन रोड पर एक ही सर्किल रेट हैं जो नियमानुसार नही हैं। आवास विकास पर भी असर आवास विकास के संपत्ति अधिकारी एके सिंह ने कहा कि सर्किल रेट अव्यवहारिक होने से आवास विकास पर असर है। एक साल से पुरानी रजिस्ट्री और री सेल में ज्यादा समस्या आ रही है। शातिर बचा रहे रजिस्ट्री की रकम जो प्रापर्टी के खेल में शातिर हैं वह किसान की जमीन खरीद कर छोड़ देते हैं। बाद में मुनाफा मिलने पर सीधे उसी किसान से रजिस्ट्री करवा दते हैं। पहले यूं ही लिखा पढ़ी में करार कर लिया जाता है। इस मामले में डीएम ने कहा कि ऐसे मामलों को खोजा जाएगा। स्टांप ड्यूटी का नुकसान नहीं हो और राजस्व बढ़ाया जा सके। बोले बिल्डर और वकील विधायक कुंदरकी हाजी रिजवान ने कहा कि सर्किल रेट बढ़ाना कतई उचित नहीं है। इससे आम लोगों को काफी नुकसान है। सरकार को इस दिशा में सोचना चाहिए। पहले से रेट बहुत बढ़ चुके हैं। आकाश ग्रुप के महेश अग्रवाल ने कहा कि सर्किल रेट पहले ही काफी हैं। कंस्ट्रक्शन वैल्यू प्रति वर्ग मीटर सरकारी 13000 और प्राइवेट 15000 है। वास्तविक खर्च 11000 आता है। रेट में समानता लाई जाए। पाश्र्वनाथ प्लाजा के अनुराग शर्मा ने कहा कि अब सर्किल रेट बढ़े तो नुकसान है। रजिस्ट्री भी कम हैं। रेट कम हों तो प्रापर्टी ज्यादा बिक सके। सुपर टैक के प्रतिनिधि ने कहा कि व्यवहारिक सर्किल रेट लागू किया जाये। जिससे प्रापर्टी के मार्केट को और बेहतर किया जा सके। मुुरादाबाद देहात विधायक हाजी इकराम कुरैशी के प्रतिनिधि संजीव यादव ने कहा कि सर्किल रेट बहुत ज्यादा हैं इनको घटाया जाए। बाजार रेट में काफी अंतर है। बहादुरपुर के किसान अतर सिंह ने सराकर ने तीन कैटेगिरी में किसानों को बांट दिया है। इसी तरह से स्टांप की भी कैटेगिरी बनाई जाये तभी किसान लाभ उठा पायेंगा। किसान सबसे परेशान है। सर्किल रेट न बढाये जाये।

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