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फैसला : दहेज की नुमाईश की व डीजे बजाया तो निकाह में शामिल नहीं होंगे इमाम

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिलशाद मेरी होम में तहरीक इस्लाहे उम्मत की एक बैठक हुई, जिसमें सबसे पहले जश्न ए आजादी की एक दूसरे को मुबारकबाद दी। इस दौरान तमाम शहर की मस्जिदों के इमाम व पूरे शहर के...

फैसला : दहेज की नुमाईश की व डीजे बजाया तो निकाह में शामिल नहीं होंगे इमाम
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादWed, 16 Aug 2017 03:34 PM
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिलशाद मेरी होम में तहरीक इस्लाहे उम्मत की एक बैठक हुई, जिसमें सबसे पहले जश्न ए आजादी की एक दूसरे को मुबारकबाद दी। इस दौरान तमाम शहर की मस्जिदों के इमाम व पूरे शहर के मुसलमान जमा हुए, जहां पर समाज में फैली बुराईयों को खत्म करने का ऐलान किया गया। जिसमें शादी विवाह में कोई भी व्यक्ति दहेज की नुमाइश नहीं लगाएगा, दहेज छुपा कर देगा। शादी विवाह में डीजे, भांगड़ा, गाना बजाना नहीं करेगा। शादी विवाह में खड़े होकर खाना नहीं खिलाएगा। खाना बैठकर ही खिलाया जाएगा। इस दौरान सभी इमामों ने इत्तेफाक राय से यह फैसला लिया। कोई शख्स इन तीन बन्दिुओं के खिलाफ काम करेगा तो उसके यहां निकाह पढ़ाने नहीं जाएगा। तमाम लोगों ने यह इत्तेफाक राय से कहा कि हम लोग उस शादी में शिरकत नहीं करेंगे। खाना नहीं खाएंगे। बैठक में शामिल इमाम हजरात मौलाना इफ्तेखार, इमाम जमा मस्जिद, हाफिज मोहम्मद फईम, कारी जमीर अहमद, हाफिज अब्दुल मतीन, मौलाना इंतजा रजा, सय्यद सूफी नासिर, काजी दानिश, हाफिज वारिस, उवेश रजा आदि मौजूद रहे। सदारत कारजी मरगूब नायक शहर इमाम और संचालन बदरे आलम मुतबल्ली बड़ी मस्जिद ने किया।

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