लंबी जुदाई: इस गांव में पंचायत ने पति-पत्नी को मिलाया, 20 साल बाद पत्नी वापस आई ससुराल
आमतौर पर पंचायतें अपने उलटे-सीधे फरमानों के कारण चर्चा में रहती हैं लेकिन रामपुर के एक गांव की पंचायत ने मिसाल बनाई है। गांव के बड़े-बुजुर्गों ने घंटों की कोशिश के बाद एक ऐसे पति-पत्नी को मिला दिया...
आमतौर पर पंचायतें अपने उलटे-सीधे फरमानों के कारण चर्चा में रहती हैं लेकिन रामपुर के एक गांव की पंचायत ने मिसाल बनाई है। गांव के बड़े-बुजुर्गों ने घंटों की कोशिश के बाद एक ऐसे पति-पत्नी को मिला दिया जो आपसी विवाद के कारण करीब 20 साल से अलग थे। इतना ही नहीं पत्नी के मुकदमे के कारण पति को जेल तक की हवा खानी पड़ी। जेल से लौटने के अगले ही दिन पंचायत में हुए इस समझौते से न केवल प्रभावित परिवार बल्कि पूरे गांव में उत्साह का माहौल है।
मामला अजीमनगर थाना क्षेत्र के खेमपुर गांव का है।
गांव के अजमेरी का निकाह 24 साल पहले स्वार के पास नखयाई की जुबैदा के साथ हुआ था। निकाह के बाद दो-तीन साल तो सब कुछ राजीखुशी रहा। दो बेटियां भी हुईं लेकिन धीरे-धीरे दोनों में दहेज को लेकर विवाद होने लगे। आखिरकार निकाह के करीब चार साल बाद जुबैदा दोनों बेटियों के साथ अपने मायके नखयाई चली गई। इतना ही नहीं जुबैदा ने 1997 में पति समेत ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज करा दिया। सालों कोर्ट में मुकदमा चलता रहा और आखिरकार इस साल मार्च में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अजमेरी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
शुक्रवार को अजमेरी जेल से छूटकर अपने घर खेमपुर आ गया। गांव के रहने वाले अधिवक्ता इश्तेयाक अली और ग्राम प्रधान अकबर अली ने मामूली बात पर अलग हुए इस परिवार को मिलाने की ठानी और इसके लिए पंचायत बुलाई। रविवार को खेमपुर से कुछ सम्मानित लोग नखयाई गांव पहुंच गए और जुबैदा और उसके परिजनों से बात करके सुलह कराने में जुट गए। उनकी घंटों की कोशिश काम आई और आखिरकार जुबैदा करीब 20 साल बाद अपने ससुराल आ गई।
बेटियां भी नहीं पहचान पाईं पिता को
बीस साल पहले जब पति-पत्नी में विवाद हुआ तो बड़ी बेटी दो साल की और छोटी बेटी की उम्र करीब एक साल थी। अब दोनों युवा हो चुकी हैं। पंचायत के बाद दोनो बेटियां अपनी मां के साथ अपने पिता के घर पहुंची तो पिता को भी नहीं पहचान पाईं। लोगों ने जब उनके पिता से मिलाया तो उनकी आंखें नम हो गईं। करीब 20 साल तक पिता से दूर रहने का उनका दर्द उनकी आंखें बयान कर रही थीं।
पत्नी मायके गई तो एक के बाद एक की दो शादियां
पत्नी से विवाद के बाद जब जुबैदा मायके चली गई तो उसने दो और शादियां कीं। पहली शादी हल्द्वानी में की, लेकिन शादी के दो साल बाद ही पत्नी की मौत हो गई। दूसरी शादी उसने रुद्रपुर में की। कुछ साल बाद ही पत्नी उसे छोड़कर किसी और के साथ चली गई।
इन्होंने सुलह में निभाई अहम भूमिका
खेमपुर निवासी इश्तेयाक अली एडवोकेट, प्रधान अकबर अली, मोहम्मद हसन, हनीफ, नखयाई के प्रधान मकसूद, सत्तार आदि।
बीस साल लौटी तो जुबैदा को देखने उमड़ी भीड़
बीस साल बाद जब जुबैदा अपने ससुराल खेमपुर आई तो पूरा गांव उसे देखने के लिए उमड़ पड़ा। गांव की महिलाएं और बच्चे उसके वापस लौटने पर गदगद दिखाई दिए। इस दौरान कुछ महिलाओं ने विवाहिता की सलामी भी की।
बीस साल पहले हुए विवाद के बाद मामला कोर्ट में चलत रहा था। कई बार तारीख पड़ी लेकिन समझौता नहीं हो पाया था। रविवार को पंचायत में सबके सहयोग से एक टूटा घर बस गया।
अकबर अली, ग्राम प्रधान खेमपुर