बाढ़ से निपटने को प्रशासन अलर्ट, नौ चौकियां स्थापित
बारिश से जगह-जगह जलभराव व कीचड़ होने से लोगों का भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि अभी बाढ़ का खतरा नहीं है। मगर प्रशासन तहसील क्षेत्र के 62 गांवों में बाढ़ की आशंका के चलते अलर्ट हो गया है। बाढ़...
बारिश से जगह-जगह जलभराव व कीचड़ होने से लोगों का भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि अभी बाढ़ का खतरा नहीं है। मगर प्रशासन तहसील क्षेत्र के 62 गांवों में बाढ़ की आशंका के चलते अलर्ट हो गया है। बाढ़ से बचाव के लिए 9 बाढ़ नियंत्रण चौकियां स्थापित कर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्र में प्रतिवर्ष बारिश से फीका नदी,रामंगा नदी, कुड़का नदी, ढेला नदी, लपकना नदी के किनारे बसे 62 गांव के किसानों को खतरा बना रहता है। क्षेत्र के गांव रामपुर घोघर, सुरजननगर, बलिया, बल्लभगढ़, रायभूड़, मलकपुर सेमली, चावड़, मीरपुर मोहनचक, शेरपुर पट्टी, शेरपुर बहलीन, सुल्तानपुर खददर, नया गांव, लालापुर पीपलसाना, गक्खरपुर, बढ़ापुर, मुस्तापुर बढेरा, फरीदनगर, नन्हूवाला, भरतावाला, पीलकपुर, मानपुर दत्तराम, वथुआखेड़ा, बादरझल्ला, घोटो की मंडैयों, गजरौला सैद, गजरौला जयसिंह, ईलर आदि में हमेशा बरसात के दौरान बाढ़ का खतरा रहता है। इसमें किसानों की खेतों में खड़ी गन्ने, धान व अन्य फसलें नदियों में समा जाती है। लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन बाढ़ के पानी को रोकने के लिए कोई व्यापाक प्रबंध नहीं कर सका। रामपुर घोघर के निकट फीका नदी के किनारे चार करोड़ की लागत से बंदे का निर्माण कराया गया। रायभूड़ में बाढ़ का पानी रोकने के लिए कच्चा बंधा बनाया जाता है लेकिन वह आज तक कारगर साबित नहीं हो सका। बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिए गए हैं। इसमें सुरजननगर, शेरपुर बहलीन, मलकपुर सेमली, नन्हूवाला, सुल्तानपुर दोस्त, डिलारी, ठाकुरद्वारा में 24 घंटे निगरानी कक्ष खोले गए हैं। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सुनील द्विवेदी, तहसीलदार