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खनिज रायल्टी के नाम पर लाखों का खेल

पत्थर उद्योग नगर में खनिज रायल्टी पर लाखों का खेल खेला जा रहा है। खनिज विभाग की मिली भगत से दलालों द्वारा मंडी में मनमानी कीमत पर रायल्टी बेंची जा रही है। जिससे क्रेशर व्यापारी परेशान है। इस कार्य...

खनिज रायल्टी के नाम पर लाखों का खेल
हिन्दुस्तान टीम,महोबाThu, 22 Jun 2017 11:10 PM
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पत्थर उद्योग नगर में खनिज रायल्टी पर लाखों का खेल खेला जा रहा है। खनिज विभाग की मिली भगत से दलालों द्वारा मंडी में मनमानी कीमत पर रायल्टी बेंची जा रही है। जिससे क्रेशर व्यापारी परेशान है। इस कार्य में लिप्त लोगों द्वारा प्रतिदिन लाखों रुपए की अवैध कमाई की जा रही है। प्रदेश में पत्थर उद्योग के मामले में प्रसिद्ध मंडी आज विभाग की संलिप्ता के कारण जहां क्रेशर व्यापारी परेशान है वही खनिज रायल्टी का धंधा करने वालो की पैबारह बनी हुई। विभाग से दी जाने वाली रायल्टी की एक किताब में एक लाख रुपए की शुद्ध कमाई की जा रही है। विभाग के नियमों के अनुसार क्रेशर से गिट्टी या अन्य माल देने पर उतनी मात्रा की खनिज रायल्टी एमएम 11 के्रशर मालिक को देनी पड़ती है। बिना रायल्टी के खनिज माल देने और पकडे़ जान पर क्रेशर के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। दूसरी ओर विभाग द्वारा खनिज रायल्टी पहाड़ों के खनन पट्टाधारकों को प्रदान की जाती है और वह पट्टाधारक अपनी कीमत पर उस रायल्टी को बेचता है। यह कार्यरत लगभग 300 के्रशरो को प्रत्येक गाड़ी में रायल्टी देने के लिए चाहिए। इसका लाभ उठाते हुए खनिज विभाग की मिली भगत से दलाल रायल्टी प्राप्त कर बाजार में मनमानी कीमत पर बेचते है। इसीलिए सपा और बसपा के कार्यकाल में लगने वाले गुण्डा टैक्स से भी अधिक कीमत पर अब भाजपा के शासन में बिक रही है। सरकारी रेट के अनुसार एक घनमीटर की खनिज रायल्टी की कीमत 188 रुपए है। जो सपा सरकार में गुंडा टैक्स जुड़ने के बाद भी 245 रुपए में बिकती रही है। आज वही रायल्टी ईमानदारी का ढोल पीटने वाली भाजपा के शासन में 445 रुपए में बेंची जा रही है। इस संबंध में यहां के भाजपा प्रभारी एवं खनिज राज्य मंत्री से शिकायत भी की गई लेकिन समस्या का हल नहीं हो सका। भाजपाई इससे अपने को अलग बता रहे है लेकिन इतनी महंगी रायल्टी कैसे बिक रही है, विभाग पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जा रहा और सिस्टम में सुधार क्यों नहीं हो पा रहा यह इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है।

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