अब हवा बनी है बदलाव आएगा: युद्धवीर
प्रदेशभर के खिलाड़ियों में टैलेंट की कमी नहीं है। खिलाड़ियों से पाइपलाइन भरी हुई है। भुवी, प्रवीण कुमार जैसे मेरठी खिलाड़ियों ने विदेशी जमीन पर अपनी पहचान बनायी है। क्रिकेट में युवाओं की भरमार है। बस...
प्रदेशभर के खिलाड़ियों में टैलेंट की कमी नहीं है। खिलाड़ियों से पाइपलाइन भरी हुई है। भुवी, प्रवीण कुमार जैसे मेरठी खिलाड़ियों ने विदेशी जमीन पर अपनी पहचान बनायी है। क्रिकेट में युवाओं की भरमार है। बस अभिभावकों को गाइड करने की जरूरत है। अब हवा बनी है, बदलाव भी आएगा। ऐसा कहना है यूपीसीए के सचिव-डायरेक्टर डॉ. युद्धवीर सिंह का। मेरठ कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर ने कम समय में काफी उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने बीसीसीआई की म्यूजियम कमेटी ही नहीं यूपीसीए के सचिव-डायरेक्टर बनकर मेरठ का मान बढ़ाया। सोमवार को डॉ. युद्धवीर सिंह ने हिन्दुस्तान से खास-बातचीत की। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में क्रिकेटरों की भरमार है। हमारे खिलाड़ियों में टैलेंट की कमी नहीं है। हमारे खिलाड़ी आगे निकल रहे हैं। विदेशी जमीन पर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 17 साल का बच्चा अच्छी मीडियम पेस गेंदबाजी करता है, बस उसको परखने और मौका देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब मेरठी खिलाड़ियों को भी मौका मिलेगा। अभी तक कानपुर एकेडमी में 30 लड़के प्रेक्टिस करते थे। उनमें 15 रणजी खेलने के लिए चले जाते थे। वहीं बाकी 15 खिलाड़ियों को घर पर भेज देते थे, लेकिन अब बाकी पंद्रह खिलाड़ियों को भी मैदान में पसीना बहाना होगा, ताकि उनकी गुणवत्ता बढ़े। महिला खिलाड़ियों को भी मिलेगा सम्मान महिला खिलाड़ियों को भी सम्मान मिलेगा। एसोसिएशन द्वारा स्कूल और कॉलेज स्तर पर महिला खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा और उनको आगे बढ़ने का मौका दिया जाएगा। वर्ल्ड कप में हमारी टीम ने हारने के बाद भी जीत हासिल की है। इसमें अभिभावकों को भी साथ देना होगा। अभिभावको को भी बेटियों को जागरूक करने की जरूरत है। कपिल देव-वेक्टेश्वरा के बाद बढ़ा तेज गेंदबाजी का क्रेज 1983 वर्ल्ड कप के बाद तेज गेंदबाज कपिल देव और उनके बाद श्रीनाथ, वेक्टेश्वरा, श्रीसंत, इरफान पठान को युवाओं ने पसंद किया। इन सभी तेज गेंदबाजों की तरह ही खुद को बनाने का मन बनाया। इनकी तर्ज पर तेज गेंदबाज खिलाड़ियों की संख्या भी बढ़ रही है। युवाओं में फास्ट बोलर बनने की ललक है। डॉ. युद्धवीर ने बताया कि टीम इंडिया के खिलाड़ियों को देखकर युवा खुद को बदल रहे हैं। रैना-मौ. कैफ मेरठ में खेलने को करते हैं जिद डा. युद्धवीर सिंह ने बताया कि मौ. कैफ और रैना में मेरठ में खेलने की ललक है। वह बार-बार मेरठ में रणजी मैच कराने की जिद करते रहते हैं, क्योंकि मेरठ में खिलाड़ियों को काफी पसंद किया जाता है। यहां पर खिलाड़ियों को सम्मान मिलता है। सपनों के साथ मेहनत करना सीखें यूपीसीए के सचिव-डायरेकटर डॉ. युद्धवी सिंह ने हिन्दुस्तान से बातचीत में युवाओ को संदेश दिया कि वह सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करें। अगर सपने देखोगे और मेहनत नहीं करोगे तो कभी भी लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते। डॉ. युद्धवीर सिंह का सफर साढ़े 17 साल मेरठ कॉलेज में हो गए। 2002-03 में नोर्थ जोन ट्रॉफी और 2004 में एमडीसीए के सदस्य बने। उसके बाद 2006 में मेरठ डिस्ट्रिक क्रिकेट एसोसिएशन में सचिव का पद संभाला। 2011-12 में बीसीसीआई की म्यूजियम कमेटी के सदस्य बने। 2013 में क्रिकेट डेवलेपमेंट सोसायटी में पद मिला। वर्तमान में वह यूपीसीए के कार्यकारी सचिव रहे।