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कुतुबुद्दीन ऐबक ने कराया था मेरठ में शाही ईदगाह का निर्माण

दिल्ली रोड स्थित शाही ईदगाह करीब 800 सौ साल पुरानी है। इसका निर्माण 1911 ईसवी से 1210 ईसवी के बीच दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतबुद्दीन ऐबक ने कराया था। ईदगाह के भीतर 131 सफों में करीब 50 हजार...

कुतुबुद्दीन ऐबक ने कराया था मेरठ में शाही ईदगाह का निर्माण
लाइव हिन्दुस्तान टीम,मेरठSun, 25 Jun 2017 02:02 PM
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दिल्ली रोड स्थित शाही ईदगाह करीब 800 सौ साल पुरानी है। इसका निर्माण 1911 ईसवी से 1210 ईसवी के बीच दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतबुद्दीन ऐबक ने कराया था। ईदगाह के भीतर 131 सफों में करीब 50 हजार अकीदतमंद एक साथ नमाज अदा करते है।

ईदगाह का निर्माण बगैर बुनियाद सीधे किया गया। ईदगाह के निर्माण में जिन ईंटों का प्रयोग किया। उन पर अरबी में इबारत लिखी है। एक-एक शब्द को अलग-अलग फरमे में ढ़ालकर उसे अच्छी तरह से पकाकर उसे जोड़कर बनाया गया। इसकी शुरूआत कुरान के पहले शब्द बिसमिल्लाहउररहमानउररहीम से की गई।

इतिहास को कुरेदे तो पूरे हिन्दुस्तान में ईंटों पर लिखी इबारत सिर्फ मेरठ शाही ईदगाह में ही मिलती है। इस तरह की इबादत कुतुब मीनार के कुतुब-उल-इस्लाम में मिलती है लेकिन इसमें पत्थर पर खुदी हुई है। शाही ईदगाह का निर्माण 1191 से 1210 ईसवीं के बीच हुआ।

शाही ईदगाह फन-ए-तामीर के ऐतबार से इसलिए भी अहम हैं क्योंकि 166 फीट लंबी तथा 42 फीट ऊंची यह इमारत है। प्रख्यात सर्वेयर मिस्टर फ्रीमैन 1901 के आसपास मेरठ आए थे और शाही ईदगाह का स्कैली नक्शा तैयार किया था। इस नक्शे पर अंतिम मुगल सम्राट और कैलियोग्राफी के उस्ताद और बहादुर शाह जफर के शार्गिद के बेटे ने इस नक्शे पर फारसी में इबारत लिखी और इस दौरान के आर्टिस्ट ने शाही ईदगाह का नक्शा खींचा। शाही ईदगाह को शहीद स्मारक के संग्रहालय अध्यक्ष डॉक्टर मनोज गौतम ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के स्मारक एक ऐतिहासिक अध्ययन में शामिल किया था।

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