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शेषनाग में फंसे मेरठ के 150 से ज्यादा श्रद्धालु

कश्मीर में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 8 श्रद्धालुओं की खबर जैसे ही पता लगी मेरठ के लोगों में भी अपनों को लेकर चिंता हो उठी। मेरठ से फिलहार 500 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर गए हैं, जिनमें से 150 शेषनाग...

शेषनाग में फंसे मेरठ के 150 से ज्यादा श्रद्धालु
हिन्दुस्तान टीम,मेरठTue, 11 Jul 2017 12:53 AM
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कश्मीर में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 8 श्रद्धालुओं की खबर जैसे ही पता लगी मेरठ के लोगों में भी अपनों को लेकर चिंता हो उठी। मेरठ से फिलहार 500 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर गए हैं, जिनमें से 150 शेषनाग पर लगे भंडारे में ठहरे हुए हैं। दरअसल, मेरठ के कुछ व्यापारी पिछले 30 साल से अमरनाथ यात्रियों के लिए भंडारा लगाते हैं। अमरनाथ यात्रा के दौरान भंडारा लगाने वाले व्यापारी संजय शर्मा ने बताया कि मेरठ निवासी 30 लोग शेषनाग स्थित लगे भंडारे पर मौजूद हैं। बताया कि उनसे सोमवार रात 8 बजे ही बात हुई थी। उस समय सब ठीक बता रहे थे। लेकिन जैसे ही कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान घात लगाकर आतंकवादियों ने हमला किया और 8 श्रद्धालु शहीद हो गए। इसके बाद शेषनाग स्थित भंडारे पर फोन नहीं लगा। क्योंकि सेना ऐसे हालातों में नेट और फोन सेवा तत्काल प्रभाव से बंद कर देती है। संजय शर्मा बताते हैं कि शेषनाग पर लगे भंडारे में मेरठ के महेश मित्तल, मोहनलाल, संजय, नरेश मित्तल, शंकर पंवार आदि यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। इनसे सोमवार रात 8 बजे ही बात हुई थी। बातचीत के दौरान इन्होंने बताया कि भंडारे में मेरठ के 150 से ज्यादा लोग ठहरे हुए हैं। कहा कि हालांकि सेना ने शेषनाग सहित पूरे कश्मीर में हाई अलर्ट कर दिया है। सेना भंडारे में लगे लोगों और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सेना और अर्द्धसैनिक बल कोई समझौता नहीं करते। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी हाल ही में अमरनाथ यात्रा से लौटकर आए मेरठ के कुछ यात्रियों ने हिन्दुस्तान के साथ बातचीत में बताया कि सेना के इतने बड़े सुरक्षा इंतजामों के बाद भी हमला होना यह दर्शाता है कि आतंकी जरा सा मौका मिलने की ताक में रहते हैं। मंगलपांडे निवासी धार्मिक गुरु सुधांशु जी महाराज के निजी सचिव मनोज शास्त्री 8 जून को ही अमरनाथ यात्रा से लौटे हैं। उन्होंने बताया कि सेना और सरकार के इंतजाम बहुत उम्दा हैं, लेकिन आतंकवादी ताक में रहते हैं। बताया कि वहां चप्पे-चप्पे पर सैनिक और अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात हैं। मेरा शहर, मेरी पहल संस्था से जुड़े अमित नागर कुछ दिन पहले ही पत्नी संग अमरनाथ यात्रा से लौटे हैं। उन्होंने बताया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। आतंवादियों की कायराना हरकत है। सन 2000 में हुए हमले में शहीद हुआ था मेरठी श्रद्धालु मेरठ का एक श्रद्धालु 2000 में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हो गया था। 2002 में भी कायर आतंकियों ने घात लगाकर हमलाकर 30 निर्दोष यात्रियों की जान ले ली थी। संजय शर्मा ने बताया कि शेषनाग पर लगाए गए कैंप में उस रूट से जाने वाले 90 प्रतिशत से ज्यादा यात्री रात को आराम करते हैं। चूंकि यहां भोजन से लेकर मेडिकल तक की उम्दा व्यवस्था है। इसलिए इस कैंप की महत्ता और भी ज्यादा है। पांच हजार से ज्यादा सुरक्षा बलों के जवान शेषनाग पर मौजूद रहते हैं। सामाजिक संगठन आज दर्ज कराएंगे विरोध आतंकी हमले में अमरनाथ यात्रियों के शहीद होने पर विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक संगठनों में उबाल है। बजरंग दल के गोपाल शर्मा ने बताया कि बजरंगी मंगलवार शाम डीएम के नाम ज्ञापन देकर जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करेंगे। युवा ब्राह्मण समाज के अश्विनी कौशिक, प्रशांत कौशिक और राकेश गौड़ ने बताया कि इस कायरना हरकत की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। सेना को इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों को चुन-चुन कब्रों तक पहुंचाना चाहिए। राकेश गौड़ ने बताया कि युवा ब्राह्मण समाज के कार्यकर्ता मंगलवार शमा मोमबत्ती जलाकर शहीद हुए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देंगे।

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