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जगन्नाथ रथ यात्रा के दर्शन को उमड़े भक्त

वृंदावन के मंदिरों से भगवान जगन्नाथ ने रथों पर सवार हो नगर भ्रमण किया। विशाल सजे-धजे रथों पर विभिन्न रूपों में विराजमान प्रभु शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए ज्ञानगुदड़ी पहुंचे। आस्था और विश्वास के...

जगन्नाथ रथ यात्रा के दर्शन को उमड़े भक्त
हिन्दुस्तान टीम,मथुराSun, 25 Jun 2017 10:58 PM
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वृंदावन के मंदिरों से भगवान जगन्नाथ ने रथों पर सवार हो नगर भ्रमण किया। विशाल सजे-धजे रथों पर विभिन्न रूपों में विराजमान प्रभु शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए ज्ञानगुदड़ी पहुंचे। आस्था और विश्वास के साथ प्रभु दर्शन किए। रविवार को हिन्दी माह आषाढ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर चारों ओर रथयात्रा महोत्सव की धूम रही। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा को देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। रथ यात्रा निकलने से पूर्व ही भक्त अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिए पहले से ही मंदिरों के द्वार पर आतुर दिखे। प्रभु जगन्नाथ ने भक्तों को 15 दिन अंगराग यानी बीमार हो जाने के चलते भक्तों को दर्शन नहीं दिए थे। परिक्रमा मार्ग स्थित भगवान जगन्नाथ, राधा गोपनीनाथ, राधा दामोदर, परिक्रमा मार्ग स्थित विश्राम वट स्थित जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलराम अपनी बहन सुभद्रा के साथ भव्य रथ पर विराजमान हो भ्रमण के लिए निकले। नगर के सभी मंदिरों से प्रभु के शोभायमान श्रीविग्रहों को वेदमंत्रोच्चारों के बीच सोने, चांदी एवं चंदन की लकड़ी से बने विशाल एवं छोटे रथों पर विराजमान किया गया। रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं में उनके रथ को खींचने की होड़ सी मच गई। राधादामोदर मंदिर के सेवायत कृष्णबलराम गोस्वामी ने बताया कि जगन्नाथ यात्रा महोत्सव भगवान कृष्ण के घर लौटने का पर्व है। पुरी से आई इस परंपरा को वृंदावन धाम ने अपनाया है। जगन्नाथ मंदिर के स्वामी ज्ञानप्रकाश पुरी महाराज का रथ यात्रा के विषय में कहना है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आध्यात्मिक और भौतिक गति प्रदान करती है। वर्षों से चली आ रही यह धार्मिक परंपरा यहां धूमधाम से निभाई जा रही है।

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