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नगर निकाय चुनाव: बंदरों का आतंक भी बनेगा मुद्दा

नगर निगम चुनाव में समुचित और सुनियोजित विकास, स्वच्छता व अन्य मुद्दों के साथ बंदरों का बढ़ता आतंक भी एक बड़ा मुद्दा बनेगा।आसन्न स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। चुनाव लड़ने को ताल...

नगर निकाय चुनाव: बंदरों का आतंक भी बनेगा मुद्दा
हिन्दुस्तान टीम,मथुराFri, 27 Oct 2017 06:42 PM
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नगर निगम चुनाव में समुचित और सुनियोजित विकास, स्वच्छता व अन्य मुद्दों के साथ बंदरों का बढ़ता आतंक भी एक बड़ा मुद्दा बनेगा।

आसन्न स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। चुनाव लड़ने को ताल ठोंकने वाले राजनैतिक दल ज्वलंत मुद्दों की तलाश में हैं। इनमें मथुरा-वृंदावन में बंदरों का बढ़ता आतंक भी एक बड़ा मुद्दा सभी दल मानते हैं। चुनावों में नेता भी अपने भाषणों में बंदरों के आंतक का जिक्र करेंगे। हाल ही में नगर निगम ने भी प्रस्ताव शासन को भेजा है, जिसमें बंदरों के आतंक से शहरवासियों को निजात दिलाने की योजना है। इस पर शासन से मुहर लगनी बाकी है।

चार आदमी पर एक बंदर

सामाजिक संगठनों द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार मथुरा-वृंदावन नगर निगम में बंदरों की संख्या 1.5 लाख से अधिक है, जबकि निगम क्षेत्र की आबादी छह लाख है। इस तरह हर चार आदमी पर एक बंदर है। इनमें बंदरों के कई समूह बेहद खूंखार हैं।

लंगूर से भी नहीं डर रहे बंदर

बंदरों के आंतक से निजात पाने को लोग लंगूर भी पाल रहे हैं। कुछ स्कूलों ने भी लंगूर मंगाए हैं, लेकिन यह प्रयोग भी अब विफल साबित हो रहा है। बंदरों के समूह लंगूर पर भारी पड़ रहे हैं।

मौत का कारण बने हैं बंदर

बंदरों के आंतक के चलते कई लोंगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। वृंदावन में कई मामले सामने आ चुके हैं। वहीं दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। प्रमुख मंदिर और दर्शनीय स्थलों के आसपास बंदरों का इतना आंतक हो गया है कि दूर-दराज से आने वाले भक्त और श्रद्धालु भी भयभीत रहते हैं।

आर्थिक नुकसान भी बढ़ा

बंदर जहां आंतक का पर्याय बने हुए हैं, वहीं लोगों का बजट भी बिगाड़ रहे हैं। वे लोगों से चश्मा, पर्स, मोबाइल व अन्य कीमती छीनकर ले जाते हैं।

उच्च न्यायालय में दायर है रिट

बंदरों की समस्या को लेकर सामाजिक संगठनों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में रिट दायर भी कर रखी है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है। इस रिट को दायर करने वाले मधुमंगल शुक्ला को भी फैसले का इंतजार है।

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