मूसलाधार बारिश से पानी-पानी हुआ पूरा जनपद
रविवार को भी मूसलाधार बारिश होती रही। पिछले कई दिनों से मेघा जनपद पर मेहरबान हैं। जिससे लोगों में खुशी का माहौल है। वहीं दूसरी ओर जलभराव से परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं। रविवार को दोपहर बाद नगर में...
रविवार को भी मूसलाधार बारिश होती रही। पिछले कई दिनों से मेघा जनपद पर मेहरबान हैं। जिससे लोगों में खुशी का माहौल है। वहीं दूसरी ओर जलभराव से परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं। रविवार को दोपहर बाद नगर में जोरदार पानी बरसा तो पूरा शहर पानी-पानी हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यही हाल नजर आया। जिन गांवों में जलनिकासी के इंतजाम नहीं है उन गांव के लोग बारिश के इस मौसम के चलते घरों में कैद होने पर मजबूर हो रहे हैं। रविवार को दोपहर 12 बजे के बाद बारिश शुरू हो गई। काली घटाएं मूसलाधार बारिश के रूप में बरस पड़ीं। शहर के विभिन्न इलाकों में बारिश के पानी से जलभराव हो गया। कई गलियों में घुटनों तक पानी होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खरगजीतनगर, मोहल्ला अग्रवाल, स्टेशन रोड के निकट, दक्षिणी छपट्टी के कुछ इलाकों में जलभराव होने से पानी घरों में भी भर गया। अभी बारिश की शुरुआत है। ऐसा ही पानी रोज बरसता रहा तो अगले तीन से चार दिनों में मैनपुरी के कुछ मोहल्लों में हालात बिगड़ने की स्थिति में आ जाएंगे। चूंकि इन मोहल्लों में जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए समस्या लगातार बढ़ रही है। बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ जलभराव मैनपुरी। रविवार को किशनी, करहल, बरनाहल, घिरोर, औंछा, कुरावली, कटरा समान, बेवर, भोगांव, आलीपुरखेड़ा में भी मूसलाधार बारिश हुई। जिससे खेतों में पानी-पानी ही नजर आया। बारिश होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी मौसम सुहावना हो गया है। हालांकि बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में पैदा हुए जलभराव से मुश्किलों का सामना करना पड़ा। धान की रोपाई के लिए बेहद अनुकूल है मौसम मैनपुरी। लगातार हो रही बारिश से पानी ही पानी दिखने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में धान किसान धान की रोपाई तेजी से करने में जुटे हुए हैं। जिला कृषि निदेशक पीसी विश्वकर्मा का कहना है कि बारिश अनमोल है। धान की रोपाई तेजी के साथ निपटा लें ताकि अच्छे उत्पादन की बुनियाद अभी से तैयार हो जाए। मैनपुरी में इस बार दो लाख हेक्टेयर भूमि पर धान उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। अभी जो बारिश हो रही है उससे खेतों में पर्याप्त नमी हो गई है जो धान के लिए बेहतर है।