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स्मारकों में लगे सैण्ड स्टोन मामले की सतर्कता जांच में दोषी पाये गए अफसर व अभियंता , रिपोर्ट शासन को

विशेष संवाददाता,राज्य मुख्यालय। राजधानी लखनऊ और नोएडा में 2007 से 2011 के बीच बने स्मारकों में लगे सैण्ड स्टोन के मामले में सतर्कता विभाग ने अपनी जांच पूरी कर ली है। इस जांच में कई अफसरों को दोषी...

स्मारकों में लगे सैण्ड स्टोन मामले की सतर्कता जांच में दोषी पाये गए अफसर व अभियंता  , रिपोर्ट शासन को
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 27 Jun 2017 10:58 PM
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विशेष संवाददाता,राज्य मुख्यालय। राजधानी लखनऊ और नोएडा में 2007 से 2011 के बीच बने स्मारकों में लगे सैण्ड स्टोन के मामले में सतर्कता विभाग ने अपनी जांच पूरी कर ली है। इस जांच में कई अफसरों को दोषी पाया गया है। विभाग ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार इस जांच रिपोर्ट में राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक सी.पी.सिंह, तत्कालीन निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म रामबोध मौर्य, संयुक्त निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म सुहैल अहमद फारूकी को पूरी तरह दोषी माना गया है।इसी तरह 18 जुलाई 2007 को गठित क्रय समिति में शामिल राजकीय निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबंधक राकेश चन्द्रा, इकाई प्रभारी के.आर.सिंह, सहायक स्थानिक अभियंता राजीव गर्ग, अपर परियोजना प्रबंधक ए.के.सक्सेना को भी दोषी माना गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2007 में 8 नवम्बर, 14 नवम्बर, 2008 में नौ जुलाई, 15 दिसम्बर, 2009 में एक मार्च की संयुक्त क्रय समितियों ने भी मिर्जापुर पिंग वैरायटी सैण्ड स्टोन की दर निर्धारण का उल्लंख मीटिंग के कार्यवृत्त में नहीं किया। इन संयुक्त क्रय समितियों के 29 सदस्य जो महाप्रबंधक, परियोजना प्रबंधक, अपर परियोजना प्रबंधक और इकाई प्रभारी स्तर के रहे हैं जिनके द्वारा कन्सोर्टियम प्रमुखों को मिर्जापुर पिंक सैण्ड स्टोन की आपूर्ति के आदेश जारी किये गए तथा भुगतान किया गया को भी जिम्मेदार करार दिया गया है। 14 नवम्बर 2011 को गठित संयुक्त क्रय समिति में उ.प्र. राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन वित्तीय सलाहकार वी.के.मुदगल, महाप्रबंधक तकनीकी एस.के.त्यागी, महाप्रबंधक सोडिक कृष्ण कुमार, महाप्रबंधक एस. कुमार, परियोजना प्रबंधक ए.के.गौतम, अपर परियोजना प्रबंधक बी.पी.त्रिपाठी, लविप्रा के मुख्य अभियंत्रा त्रिलोकीनाथ, अधीक्षण अभियंता विमल सोनकर व महेन्द्र सिंह गुरूदत्ता, अधिशासी अभियंता आर.के.शुक्ला, संयुक्त निदेशक एस.बी.मिश्रा को भी मिर्जापुर पिंक सैण्ड स्टोर की खरीद और दर निर्धारण में अपनी जिम्मेदारियों को भली भांति न निभाने का दोषी ठहराया गया है।

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