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पर्यावरण संरक्षण के लिए वैकल्पिक ईंधन का प्रयोग हो

विश्व पर्यावरण दिवस पर आईआईटीआर में पद्मश्री प्रोफेसर डी. बालासुब्रामनियन दिया व्याख्यानलखनऊ। प्रमुख संवाददाताकोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र हैदराबाद के पूर्व निदेशक व पद्मश्री प्रोफेसर डी....

पर्यावरण संरक्षण के लिए वैकल्पिक ईंधन का प्रयोग हो
Center,LucknowMon, 05 Jun 2017 06:43 PM
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विश्व पर्यावरण दिवस पर आईआईटीआर में पद्मश्री प्रोफेसर डी. बालासुब्रामनियन दिया व्याख्यानलखनऊ। प्रमुख संवाददाताकोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र हैदराबाद के पूर्व निदेशक व पद्मश्री प्रोफेसर डी. बालासुब्रामनियन ने कहा कि पृथ्वी को हरा-भरा बनाने व पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिए वैकल्पिक ईंधन का प्रयोग करना होगा। इसपर अब भी गंभीरता से अमल नहीं किया गया तो स्थिति बहुत गंभीर होने वाली है।यह बात उन्होंने सोमवार को पर्यावरण दिवस पर भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) में आयोजित समारोह में कही। उन्होंने 21वां डा. सीआर कृष्णानमूर्ति व्याख्यान दिया। ग्लोबल वार्मिंग पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधनों (फॉसिल फ्यूल्स) को अब छोड़ना होगा। तभी पूरा विश्व स्वच्छ व सुंदर हो सकेगा। साथ ही पर्यावरण को संजोए रखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा और माइक्रोबियल ईंधन कोशिकाओं से बायोइलेक्ट्रीसिटी जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देना होगा।समारोह की अध्यक्षता कर रहे सीडीआरआई के पूर्व निदेशक पद्मश्री डा. नित्यानंद ने कहा कि पर्यावरण सबसे पवित्र है। इससे जीवन का अस्तित्व सुविधाजनक बनता है। लिहाजा इसे सभी को संरक्षित करना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों-कॉलेजों को पर्यावरण विज्ञान पर एक पाठ्यक्रम रखना चाहिए। जिससे बच्चों को पर्यावरण की सही स्थिति की जानकारी हो सके। इस मौके पर दो आयु वर्ग में स्कूल के छात्रों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर आईआईटीआर के निदेशक प्रो. आलोक धावन ने समारोह में शामिल वरिष्ठ वैज्ञानिकों आभार व्यक्त किया।

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