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सर्व शिक्षा अभियान: सिपाही और सुपरवाइजर सुधारेंगे बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता !

सरकार ने सभी के लिए शिक्षा परियोजना क्या शुरू की बेसिक शिक्षा विभाग में सभी के लिए काम करने के रास्ते भी खुल गए। सर्व शिक्षा अभियान के तहत अब सिपाही और आंगनबाड़ी सुपरवाइजर बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता...

सर्व शिक्षा अभियान: सिपाही और सुपरवाइजर सुधारेंगे बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता !
गौरव अवस्थी ,रायबरेलीSun, 28 May 2017 02:29 PM
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सरकार ने सभी के लिए शिक्षा परियोजना क्या शुरू की बेसिक शिक्षा विभाग में सभी के लिए काम करने के रास्ते भी खुल गए। सर्व शिक्षा अभियान के तहत अब सिपाही और आंगनबाड़ी सुपरवाइजर बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारेंगे। जौनपुर में एक हेड कांस्टेबल और अमेठी में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) बना दिया गया है।
   उप्र सभी के लिए शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर जिला समन्वयकों के लिए आवेदन मांगे थे। चंदौली में तैनात हेड कांस्टेबल सुरेश पांडेय ने भी आवेदन पत्र भरा। इसके लिए दिसंबर 16 में इंटरव्यू लिए गए। पांच महीने बाद राज्य परियोजना निदेशक ने उसे जौनपुर में जिला समन्यवक (प्रशिक्षण) के पद पर चयन कर लिया। सूत्रों के अनुसार, अमेठी में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को कोआर्डिनेटर बनाया गया है।
   अपर परियोजना निदेशक राजकुमारी वर्मा द्वारा निदेशक के हवाले से बीती 25 मई को जारी आदेश में हेड कांस्टेबल को अपने मूल विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र समेत जौनपुर में पांच जून तक कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया है। इसकी कॉपी चंदौली के पुलिस अधीक्षक, जौनपुर के डीएम और बीएसए को भी भेजी गई है। सभी के लिए शिक्षा परियोजना परिषद तीन साल के लिए जिला समन्वयकों के पद पर सरकारी कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति देता है। विशेष परिस्थितियों में इनका कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।

यह है काम
जिला समन्वयक (ट्रेनिंग) का काम जिले में बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता देखना होता है। वह ही मास्टर ट्रेनर तैयार कराता है। जिले भी टीचरों को ट्रेनिंग उसकी ही देख रेख में दी जाती है। समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण कर वह गुणवत्ता को भी परखता है।

क्यों लिए जा रहे ऐसे निर्णय
पहले इस काम के लिए खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और शिक्षक ही लगाए जाते थे, लेकिन पे-स्केल बढ़ जाने से अब बीईओ यह काम करना नहीं चाहते। क्योंकि सर्व शिक्षा अभियान में उन्हें पगार अपने मूल विभाग से कम मिलती है। इसीलिए प्रतिनियुक्ति पर जिला समन्वयक ढूंढे जा रहे हैं। 

 

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