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चीनी बिक्री से मिलने वाली 85 फीसदी रकम अब नए बैंक खाते में जमा होगी, किसानों को होगा गन्ना मूल्य भुगतान

विशेष संवाददाता -राज्य मुख्यालयप्रदेश की चीनी मिलों को चीनी की बिक्री से प्राप्त होने वाली आमदनी की 85 फीसदी रकम एक नए बैंक खाते में जमा करनी होगी ताकि गन्ना किसानों को उनके देयों को समय से भुगतान...

चीनी बिक्री से मिलने वाली 85 फीसदी रकम अब नए बैंक खाते में जमा होगी, किसानों को होगा गन्ना मूल्य भुगतान
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 24 Aug 2017 09:18 PM
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विशेष संवाददाता -राज्य मुख्यालयप्रदेश की चीनी मिलों को चीनी की बिक्री से प्राप्त होने वाली आमदनी की 85 फीसदी रकम एक नए बैंक खाते में जमा करनी होगी ताकि गन्ना किसानों को उनके देयों को समय से भुगतान किया जा सके। प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के प्रमुख सचिव और आयुक्त संजय भुसरेड्डी ने गुरुवार को इसका आदेश जारी किया। इसके अनुसार चीनी मिलों को स्थानीय बैंक में मिल अध्ययासी और जिला गन्ना अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित एस्क्रो एकाउण्ट खोलकर उसमें यह राशि जमा करनी होगी। खाते में जमा पूरी रकम का उपयोग गन्ना मूल्य भुगतान के लिए ही किया जाएगा। श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रायः चीनी मिलें टैगिंग आदेश के तहत नियत 85 फीसदी धनराशि गन्ना मूल्य भुगतान में व्यय न कर अपने नए प्रयोजनों में खर्च कर देती हैं। इससे चीनी मिलों का भुगतान समय से नहीं हो पाता है। गन्ना किसानों को समय से भुगतान कराने में व्यवधान उत्पन्न होता है। इसके मद्देनज़र टैगिंग आदेश के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश और चीनी उद्योग व गन्ना विकास मंत्री की अपेक्षा के क्रम में टैगिंग आदेश का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चत किया गया है। इस बाबत गन्ना उत्पादक जिलों के जिला अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि पेराई सत्र के दौरान सीसीएल लेने वाली चीनी मिलों को बैंक से प्राप्त अग्रिम की 85 फीसदी धनराशि एवं सीसीएल न लेने वाली चीनी मिलों को चीनी बिक्री से प्राप्त 85 प्रतिशत धनराशि को गन्ना मूल्य भुगतान में उपयोग किए जाने के लिए नियत किया गया है। श्री रेड्डी ने निर्देशित किया है कि चीनी बिक्री से प्राप्त धनराशि का 85 प्रतिशत अनिवार्य रूप से एस्क्रो एकाउन्ट में जमा कराया जाएगा। एस्क्रो एकाउन्ट गन्ना मूल्य मद में प्राप्त-जमा धनराशि कृषकों को आरटीजीएस अथवा एनईएफटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में समय-समय पर भुगतान की जाती रहेगी। उन्होंने बताया कि अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के लिए संबंधित मिल अध्यासी के साथ-साथ जिला गन्ना अधिकारी व बैंक के शाखा प्रबन्धक की भी जिम्मेदारी तय की गई है। अनियमितता या निर्देश का उल्लंघन पाए जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई की व्यवस्था की गई है।

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