योगी सरकार के छः महीनेः सीएम के तेवर करा रहे बदलाव का अहसास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तेवर कार्यशैली व सख्त इरादों से उम्मीद जगाते दिखते हैं। उनके तेवरों से नौकरशाही खुद को बदलने को विवश हो रही है तो अपराधियों पर एक्शन कल्याण सिंह राज की याद दिला रहा...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तेवर कार्यशैली व सख्त इरादों से उम्मीद जगाते दिखते हैं। उनके तेवरों से नौकरशाही खुद को बदलने को विवश हो रही है तो अपराधियों पर एक्शन कल्याण सिंह राज की याद दिला रहा है। प्रचंड बहुमत के दबाव व विरोधी दलों की चुनौती के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली छमाही में यह संदेश देने कामयाब रहे कि वह उबड़-खाबड़, उलझे, घुमावदार रास्तों व हालात से यूपी को उबारने में लगे हैं। उनकी सरकार की गाड़ी अब विकास के ‘हाइवे’ पर रफ्तार पकड़ रही है।
भाजपा सीएम के परफार्मेंस पर ही वर्ष 2019 की कामयाबी का तानाबाना बुन रही है। मौजूदा सरकार ने पिछली अखिलेश सरकार के पांच साल के कामकाज की समीक्षा कर कई योजनाएं रद्द की तो कुछ में बदलाव किया। कुछ के नाम भी बदल दिये और कई पर जांच भी बिठा दी। पर, इन सब कामों के साथ ही सीएम को अहसास भी है कि केवल पिछली सरकार की नाकामियों गिनाने का वक्त अब गुजर गया है। वे सारे काम अच्छे से करने हैं जो पिछली सरकार नहीं कर पाई और सपा सत्ता से बाहर हो गई।
बदली हुई कार्यशैली
अब योगी के काम देखिए। उन्हें अपना काफी वक्त अफसरों को यह समझाने में लगाना पड़ा कि अब चलताऊ रवैये से काम नहीं चलने वाला। पूरी कार्य संस्कृति में बदलाव, वीआईपी कल्चर को टाटा, मंत्रियों को अनुचित आचरण से दूर रहने की सख्त हिदायत और जनता से जुड़ाव जैसे कामों को तो उन्होंने सरकार के काम का हिस्सा बना दिया। किसान कर्जा माफी का बड़ा वादा उन्होंने पूरी तैयारी के साथ लागू किया। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की धारा बहाई तो स्वच्छता अभियान को नई दिशा दी।
अलग अंदाज व नए तेवर
मुख्यमंत्री का अपना जो होमवर्क व स्पष्ट नजरिया है, वह अफसरों को हैरत में डालता है। मुख्यमंत्री के तौर वह दौरा करते हुए थाने पहुंच गए तो बाढ़ में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने और बचाव कार्य की असलियत जानने को उफनाती नदियों में घंटों नाव से जगह-जगह घूमे। धूल भरी अल्मारियों में बेतरतीब फाइलों व गंदगी से भरे सचिवालयों के कमरों व गलियारों को सीएम ने खुद जाकर देखा और सफाई की नसीहत देते हुए खुद भी झाडू उठा ली। अब जोर सचिवालय में काम की रफ्तार बढ़ाने के लिए ई आफिस पर है। स्वच्छता मिशन के तहत खुले में शौच के खिलाफ अभियान एजेंडे पर प्रमुखता से है। ठेकों-पट्टों में मनमानी रोकने व सरकारी धन बचाने को ई-टेंडरिंग अनिवार्य करने जैसे कदम उठाए गए। सरकारी विभागों में पान-गुटखा खाने पर रोक लगाई गई।
खास बातें
-तेजी से फैसले
-सबको साथ ले चलने की कोशिश
-बदले की भावना से काम न करना
-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को खास तवज्जो
-नामकरण संस्कार का अभियान
-आगे हैं कई चुनौतियां
-कर्ज माफी व सातवें वेतनमान से बेहाल यूपी के खजाने को भरना
-शिक्षा मित्रों की समस्या का समाधान कराना
-औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ाना
-फ्री लैपटाप के वादे को पूरा करना
-पूर्वांचल एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट के लिए पैसे का इंतजाम करना
योगी सरकारः कड़े परिश्रम, सख्त फैसले और संकल्पों के छह माह