सेटलाइट बस अड्डा बनाने की योजना पर नहीं हुआ काम
जनवरी 2016 में सेटलाइट बस स्टेशन बनाने की योजना पर मिली थी मंजूरी शहर के बाहर आउटर पर बसों का होता ठहराव तो जाम से मिलती राहत लखनऊ। निज संवाददाता शहर के अंदर रोडवेज बसों से लगने वाले जाम से...
जनवरी 2016 में सेटलाइट बस स्टेशन बनाने की योजना पर मिली थी मंजूरी शहर के बाहर आउटर पर बसों का होता ठहराव तो जाम से मिलती राहत लखनऊ। निज संवाददाता शहर के अंदर रोडवेज बसों से लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने के लिए सेटलाइट बस अड्डा बनाने योजना खटाई में पड़ गई। ये योजना एक साल पहले परिवहन निगम मुख्यालय पर बनी थी। इसके लिए कई बैठकें भी हुई। इस सिलसिले में अफसरों ने प्रस्ताव बनाने का आदेश कर्मचारियों को दिया। बावजूद एक साल बने प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। लिहाजा आज भी शहर के अंदर बसों से लगने वाले जाम से आम आदमी परेशान है। परिवहन निगम मुख्यालय के निर्माण ईकाई के अधिकारी बतातें है कि एक साल पहले शहर के आउटर पर तीन सेटलाइट बस स्टेशन निर्मित करने की योजना बनी थी। इस योजना पर बीते एक साल से कोई कवायद नहीं हुई। ऐसे में सेटलाइट बस स्टेशन बनने की योजना अंधर में चली गई। इस मामले में आगे की कार्रवाई करने से अफसर भी दूर भागते रहे। इस बीच पॉलीटेक्निक चौराहे पर बसों से लगने वाले जाम को कोर्ट ने संज्ञान में लिया तो अब पॉलीटेक्निक चौराहे पर बने बस स्टाप को हटाने की कवायद शुरू होने लगी। निगम अफसरों की मानें तो यह भी कवायद पूरी नहीं होगी। इसके पीछे वजह यह है कि कमता चौराहे पर एलडीए द्वारा निर्मित बस अड्डे को अभी निगम को सुपुर्द नहीं किया गया। इसके अलावा जानकीपुरम में पांच एकड़ एलडीए की जमीन परिवहन निगम को अभी तक नहीं सौंपी गई। पॉलीटेक्निक बस स्टापेज हटाना आसान नहीं क्षेत्रीय प्रबंधक एके सिंह बतातें है कि पॉलीटेक्निक चौराहे से बस स्टापेज हटाना तब तक संभव नहीं है जब तक कमता चौराहे पर बना एडीएल का बस अड्डा बनकर तैयार नहीं हो जाता। तब तक के लिए पॉलीटेक्निक चौराहे के आस-पास ही अस्थाई बस स्टापेज के लिए अतिरिक्त जगह की तलाश है। जहां से बसों का ठहराव करके बसें आगे की ओर रवाना हो सके।