कैबिनेट मंत्री जय प्रताप सिंह ने बिजली सप्लाई पर सरकार को घेरा
सबको बिजली और 24 घंटे बिजली देने के कोशिश अब प्रदेश सरकार पर भारी पड़ने लगी है। खुद सरकार के मंत्री ही बिजली सप्लाई पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। प्रदेश सरकार में आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग के...
सबको बिजली और 24 घंटे बिजली देने के कोशिश अब प्रदेश सरकार पर भारी पड़ने लगी है। खुद सरकार के मंत्री ही बिजली सप्लाई पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। प्रदेश सरकार में आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री जय प्रताप सिंह ने तो ऊर्जा मंत्री को पत्र लिख कर अपने क्षेत्र सिद्धार्थनगर में बिजली सप्लाई दुरुस्त करने की मांग कर दी है। साथ ही उन्होंने अपने सहयोगी मंत्री को यह भी कह दिया है कि इससे सरकार की छवि भी खराब हो रही है। इस पत्र के बाद बिजली अफसरों के हवाई दावों की पोल खुल गई है।
कैबिनेट मंत्री जय प्रताप सिंह ने शिकायत करते हुए कहा कि सिद्धार्थनगर में तय रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है। साफ-साफ कहा कि मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के बाद यहां के लोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। यहां अंधाधुंध कटौती हो रही है। यह हाल तब है, जबकि बिजली प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है और खुद मुख्यमंत्री सबको बिजली देने को लेकर युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं।
विधायक मांग रहे गांवों के लिए बिजली
इसी तरह पीलीभीत के पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान ने भी ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अपने क्षेत्र के दर्जनों गांवों-मजरों में बिजली मुहैया कराने की गुहार लगाई है। पत्र में भाजपा विधायक ने कहा है कि पीलीभीत-बरेली सीमा पर राष्ट्रीय मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कई गांवों में अभी तक बिजली की कोई व्यवस्था ही नहीं है। यहां के लोग अंधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने मंत्री से मांग की है कि इन गांवों में जल्द से जल्द बिजली पहुंचाई जाए।
कटौती से नहीं मिली राहत
मंगलवार से जारी बिजली संकट चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। प्रदेश में 3000 मेगावाट से अधिक की किल्लत बनी हुई है। गांव, तहसील और छोटे जिलों में अब कटौती बढ़ा दी गई है। गांवों में 12-14 घंटे तक बिजली नहीं आ रही है। वहीं तहसील और कई जिला मुख्यालयों पर भी छह से आठ घंटे तक की कटौती की जा रही है।