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गोमती किनारे बंधा बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा

--एलडीए के पूर्व के अधिकारियों ने गोमती नदी के बंधे का एलाइनमेंट तक नहीं बनाया, लेकिन पास कर दिया बिल्डरों का नक्शा, बिल्डरों को भी देना था नक्शा निर्माण के लिए शुल्क, जांच में आधा दर्जन अधिकारियों...

गोमती किनारे बंधा बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 09 Aug 2017 07:40 PM
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--एलडीए के पूर्व के अधिकारियों ने गोमती नदी के बंधे का एलाइनमेंट तक नहीं बनाया, लेकिन पास कर दिया बिल्डरों का नक्शा, बिल्डरों को भी देना था नक्शा निर्माण के लिए शुल्क, जांच में आधा दर्जन अधिकारियों व इंजीनियरों की गर्दन फंसी लखनऊ। एलडीए के कुछ अधिकारियों व इंजीनियरों ने सुलतानपुर रोड पर गोमती किनारे बंधा बनाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया। अफसरों ने न तो बंधे का एलाइनमेंट बनाया और न ही उसके निर्माण के लिए बिल्डरों से शुल्क जमा कराया। अलबत्ता नदी के किनारे की बिल्डरों की 900 एकड़ जमीन का भू-उपयोग ग्रीनवेल्ट से बदलकर आवासीय कर दिया। भू-उपयोग बदलकर अफसरों ने बिल्डरों को अरबों का फायदा पहुंचाया। अफसरों ने बंधा न बनने तक बंधे से 200 मीटर के दायरे में कोई निर्माण न होने की शर्त रखी थी लेकिन खुद ही बिल्डरों के ग्रुप हाउसिंग के नक्शे पास कर दिए। प्रमुख सचिव आवास की जांच में प्राधिकरण के आधा दर्जन से ज्यादा इंजीनियरों व अफसरों की गर्दन फंस गयी है। शिकायत पर परतें उधड़ी एलडीए के अधिकारियों ने गोमती किनारे बंधे के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया। सुलतानपुर रोड पर गोमती किनारे बंधा बनाने बनाने के नमा पर बिल्डरों को फायदा पहुंचाया। लेकिन बंधे के लिए कुछ नहीं किया। अब शिकायत मिलने पर प्रमुख सचिव आवास ने जांच शुरू करायी तो एक एक भ्रष्टाचार की परतें उधड़ने लगीं। जांच में पता चलाकि बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए एलडीए व आवास विभाग के अफसरों ने 900 एकड़ जमीन का भू-उपयोग बदल दिया। इस जमीन का भू-उपयोग पहले ग्रीनवेल्ट था जिसे बदलकर आवासीय किया गया। अफसरों ने गोमती बंधे का कोई एलाइनमेंट ही नहीं बनाया। जबकि शर्त रखी थी कि बंधे के 200 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा। लेकिन जब बंधे का नक्शा व एलाइनमेंट ही नहीं तय था तो इस 200 मीटर को कहां से निर्धारित माना जाता। बिल्डरों को फायदा पहुंचाया अफसरों ने बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए यह खेल किया। एक तरफ 200 मीटर के दायरे में निर्माण न होने की शर्त रख दी और दूसरी तरफ बिल्डरों की ग्रुप हाउसिंग बनाने का नक्शा पास कर दिया। प्रमुख सचिव आवास ने एलडीए उपाध्यक्ष से भी कुछ रिपोर्ट मांगी थी। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने अपने स्तर से जांच कराकर रिपोर्ट तैयार कर ली है। एलडीए सूत्रों का कहना है कि इस मामले में प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष, सचिव, मुख्य नगर नियोजक, मुख्य अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता व अवर अभियन्ता दोषी मिले हैं। जल्दी इन सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। ------------------------------------------- बिल्डर की टाउनशिप के निर्माण पर रोक एलडीए ने सुलतानपुर रोड पर एक बिल्डर की टाउनशिप में बिल्डिंग के निर्माण पर रोक लगा दी है। इसके लिए बिल्डर को नोटिस जारी कर दी गयी है। बिल्डर का नक्शा बंधे के 200 के दायरे में आ रहा है। प्राधिकरण ने शर्त रखी थी कि जब तक बंधे का निर्माण नहीं हो जाता है तब तक बिल्डर यहां बिल्डिंग नहीं बना सकेगा। उधर दूसरी तरफ प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग को भी पत्र लिखा है। सिंचाई विभाग से बंधे का एलाइनमेंट निर्धारित करने तथा मौके पर इसे चिन्हित कराने को कहा है। सिंचाई विभाग के चिन्हांकन के बाद तय होगा कि बिल्डर की टाउनशिप बंधे से 200 मीटर दूर है या नहीं। ------------------------------ सुलतानपुर रोड पर बिल्डर की टाउनशिप का भू-उपयोग बदलने से लेकर नक्शा पास करने तक में काफी गड़बड़ी की गयी है। इसकी जांच चल रही है। कुछ फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। जल्दी ही इस पूरे मामले में कार्रवाई होगी। बंधे के नाम पर धांधली की गयी है। प्रमुख सचिव के साथ बैठक के बाद जांच को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। प्रभु एन सिंह, उपाध्यक्ष, एलडीए

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