जीएसटी लागू होते ही बंद हो जाएगी व्यापारियों की पेंशन योजना
जीएसटी लागू होने की जैसे-जैसे समय पास आता जा रहा है। व्यापारियों की चिंताए बढ़ती जा रही हैं। व्यापारियों को वैट में पंजीकरण कराते ही दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाता है। लेकिन जैसे ही...
जीएसटी लागू होने की जैसे-जैसे समय पास आता जा रहा है। व्यापारियों की चिंताए बढ़ती जा रही हैं। व्यापारियों को वैट में पंजीकरण कराते ही दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाता है। लेकिन जैसे ही जीएसटी लागू होगा तो नई व्यवस्था में व्यापारियों को यह योजना नहीं मिल पाएगी। एक जुलाई से दुर्घटना बीमा योजना होगी बंद केन्द्र सरकार एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की तैयारी में जुटी है। अभी तक व्यापारियों को प्रदेश सरकार दुर्घटना बीमा योजना की सुविधा उपलब्ध करा रही है। लेकिन इस योजना के अंतर्गत व्यापारी का पंजीकरण वैट में होना जरूरी है। ऐसे में जीएसटी जैसे ही एक जुलाई को लागू होगा तो वैट का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। ऐसे में व्यापारियों को वैट के तहत दुर्घटना बीमा का फायदा मिल रहा है वह वैट के खत्म होते ही नियमानुसार नहीं मिल पाएगा। लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र कहते हैं कि दुर्घटना बीमा योजना वैट पंजीकरण पर ही मिलता है। ऐसे में सरकार को व्यापारियों को यह सुविधा देने के लिए फिर से शासनादेश करने होंगे। उन्होंने बताया कि यह जरूर है कि जिनका एक जुलाई से पहले बीमा हो चुका है। वह सुविधा पालिसी लैप्स होने तक जारी रहेगी। गल्ला व्यापारियों के लिए टैक्स छूट बनी सजा जीएसटी में खाद्यान्न पर टैक्स की दर शून्य कर दी है। ऐसे में गल्ला व्यापारियों के सामने संकट पैदा हो गया है। अभी तक गल्ले के व्यापार पर राज्य सरकार ने चार फीसदी का वैट लगा रखा है। तीस जून तक चावल मिल, दाल मिल और गल्ला व्यापारी के पास जो भी स्टॉक होगा वह टैक्स लगा हुआ होगा। ऐसे में एक जुलाई के बाद जीएसटी में शून्य दर के कारण उनको कोई टैक्स की वापसी भी नहीं मिल पाएगी। इससे गल्ला व्यापारियों का भारी नुकसान निश्चित है। दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता का कहना है कि सरकार को जीएसटी में गल्ला व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई करने की व्यवस्था करनी चाहिए।