ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊनिजी कंपनी बजाज से महंगी बिजली खरीद के समझौते रद

निजी कंपनी बजाज से महंगी बिजली खरीद के समझौते रद

- मंहगी बिजली उत्पादन वाले बजाज एनर्जी के पांच उत्पादन गृहों से नहीं होगी बिजली खरीद - पावर परचेज एग्रीमेन्ट 18 जुलाई को खत्म, पावर कारपोरेशन बड़ा फैसलापॉवर कारपोरेशन ने महंगी बिजली बेचने वाली निजी...

निजी कंपनी बजाज से महंगी बिजली खरीद के समझौते रद
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 17 Jul 2017 07:15 PM
ऐप पर पढ़ें

- मंहगी बिजली उत्पादन वाले बजाज एनर्जी के पांच उत्पादन गृहों से नहीं होगी बिजली खरीद - पावर परचेज एग्रीमेन्ट 18 जुलाई को खत्म, पावर कारपोरेशन बड़ा फैसलापॉवर कारपोरेशन ने महंगी बिजली बेचने वाली निजी कंपनी बजाज से खरीद के सारे समझौते रद कर दिए। यह अपने तरह का पहला मामला था जब निजी कंपनी से बिजली खरीद का समझौता निरस्त किया गया है। उम्मीद है कि इन समझौतों के रद होने के बाद पावर कारपोरेशन उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराएगा। सरकार के निर्देश पर उप्र पावर कारपोरेशन ने बजाज एनर्जी के 90-90 मेगावाट के पांच बिजली उत्पादन गृहों उतरौला (बलरामपुर), खम्भरखेरा (लखीमपुर खीरी), बरखेडा (पीलीभीत), कुन्दर्की (गोण्डा), मकसूदपुर (शाहजहांपुर) को भारी झटका दे दिया है। यूपीपीसीएल ने बजाज की 450 मेगावाट क्षमता के पावर परचेज एग्रीमेन्ट (पीपीए) को समाप्त करने का नोटिस जारी कर दिया है। 18 जुलाई के बाद इन सभी उत्पादन गृहों के पावर परचेज एग्रीमेन्ट से पावर कारपोरेशन मुक्त हो जाएगा। इसके बाद कारपोरेशन इनकी बिजली खरीदने को बाध्य नहीं होगा। महंगी बिजली क्यों खरीदे कारपोरेशन पावर कारपोरेशन द्वारा बजाज एनर्जी के पांचों उत्पादन गृहों को दी गई नोटिस में भी यह माना गया है कि इन सभी पावर हाउसों से जो बिजली खरीदी जा रही है वह महंगी है। बजाज की बिजली 7.11 रुपये प्रति यूनिट से लेकर 8.28 रुपये प्रति यूनिट तक पड़ रही थी। बजाज के इन पांचों बिजली उत्पादन गृहों से कुल लगभग 1773 करोड़ रुपये की बिजली खरीद की जानी थी। वहीं बिजली कंपनियों ने जो वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) नियामक आयोग में दाखिल किया है उसमें कंपनियों ने बिजली खरीद के लिए औसत लागत 4.11 रुपये प्रति यूनिट लागत रखी है। उपभोक्ता परिषद ने कहा, सस्ती हो बिजली उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा काफी लंबे समय से इन सभी उत्पादन गृहों की मंहगी बिजली का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा था। पावर कारपोरेशन के फैसले से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी आएगी। परिषद ने यह मांग उठाई है कि ऐसे सभी उत्पादन गृहों के पीपीए खारिज किएं जाएं जो मंहगी बिजली पैदा कर रहे हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें