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फैजाबाद कृषि विश्वविद्यालय : विभागाध्यक्ष व परियोजना अन्वेषकों से मांगा स्पष्टीकरण

नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय में अगले माह आने वाली भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से गठित इम्पैक्ट असेसमेन्ट टीम की तैयारी बैठक में उपस्थित न होने वाले विभागाध्यक्षों व परियोजना अन्वेषकों से...

फैजाबाद कृषि विश्वविद्यालय : विभागाध्यक्ष व परियोजना अन्वेषकों से मांगा स्पष्टीकरण
वरिष्ठ संवाददाता,फैजाबाद Thu, 27 Jul 2017 05:52 PM
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नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय में अगले माह आने वाली भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से गठित इम्पैक्ट असेसमेन्ट टीम की तैयारी बैठक में उपस्थित न होने वाले विभागाध्यक्षों व परियोजना अन्वेषकों से विश्वविद्यालय प्रशासन स्पष्टीकरण मांगेगा। बैठक में वेटनरी कालेज, गृह विज्ञान व कृषि महाविद्यालय के अनेक विभागाध्यक्ष व परियोजना प्रभारी अनुपस्थित पाये गये थे। 
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अख्तर हसीब ने इसका संज्ञान लेते हुए निदेशक प्रशासन एवं परिवीक्षण को अनुपस्थित जिम्मेदार शिक्षकों से उनका स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह विडम्बना है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से नैक मूल्यांकन न हो पाने के कारण मिलने वाली केन्द्रीय सहायता स्थगित है। वहीं दूसरी तरफ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से नैक मूल्यांकन की प्रमुख कमियों को दूर करते हुए पुन: मूल्यांकन का अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद विश्वविद्यालय के शिक्षक, वैज्ञानिक व अधिकारी इसके प्रति गम्भीर नहीं हैं। इस बीच पिछले पांच वर्षों में मिली केन्द्रीय सहायता की राशि के व्यय किये जाने व उसके संगतकरण की जांच करने आ रही इम्पैक्ट असेसमेन्ट टीम की रिपोर्ट पर सम्बन्धित वैज्ञानिकों व अधिकारियों की सीधी जिम्मेदारी तय की जायेगी। ऐसी समिति के आने से पूर्व दिशा-निर्देशन व मार्ग निर्देशन करने वाली बैठक में वैज्ञानिकों की अनुपस्थिति विश्वविद्यालय के खराब भविष्य का द्योतक है। 
 कुलपति के अथक प्रयासों के बाद कई वर्ष बाद वेटनरी कालेज में प्रवेश की अनुमति भारतीय पशु चिकित्सा परिषद की ओर से दी गयी है। इसी के साथ लगभग सुनिश्चित है कि नैक मूल्यांकन में वेटनरी कालेज को प्रत्येक दशा में मान्यता भी मिल जायेगी। परन्तु ऐसी सकारात्मक परिस्थितियों में भी वेटनरी कालेज में वर्षों से चली आ रही गुटबाजी कालेज की मान्यता पर भारी पड़ रही है। इसका परिणाम है कि बुधवार की हुई बैठक में कालेज के 17 विभागाध्यक्षों में से मात्र तीन विभागाध्यक्ष ही उपस्थित रहे। फिलहाल विश्वविद्यालय के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले शिक्षक अनुशासनात्मक कार्यवाही के चपेट में आ गये हैं।  

 

 

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