ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊबसपा का भीम आर्मी से कोई लेना-देना नहीं : मायावती

बसपा का भीम आर्मी से कोई लेना-देना नहीं : मायावती

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने यूपी की भाजपा सरकार पर राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कथित भीम आर्मी को बीएसपी से जोड़ने और सहारनपुर की जातिवादी घटनाओं के सम्बन्ध में अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने...

बसपा का भीम आर्मी से कोई लेना-देना नहीं : मायावती
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ Thu, 25 May 2017 04:49 PM
ऐप पर पढ़ें

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने यूपी की भाजपा सरकार पर राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कथित भीम आर्मी को बीएसपी से जोड़ने और सहारनपुर की जातिवादी घटनाओं के सम्बन्ध में अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार का भीम आर्मी से कोई संबंध नहीं है। मायावती ने कहा कि बीएसपी का किसी भी रूप में भीम आर्मी नामक संगठन से कोई सम्बन्ध नहीं है और ना ही उससे कोई लेना-देना है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि बीएसपी के केन्द्रीय, राज्य व जिला स्तर के भी किसी छोटे-बड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता का भी भीम आर्मी से कोई सम्बन्ध नहीं है। बीएसपी मूल रूप में एक राजनीतिक पार्टी है, जिसमें समाज के हर धर्म, हर जाति, हर समाज व महिला और युवा आदि का प्रतिनिधित्व है। इसका अलग से ना तो कोई मोर्चा या अन्य संगठन है और ना ही किसी अन्य संगठनों से इसका कोई सम्बन्ध ही है। मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा इन्टेलिजेन्स की खबर के माध्यम से फैलायी जा रही खबरें शरारतपूर्ण व जातिवादी ताकतों की राजनीतिक साजिश का परिणाम हैं। बीएसपी इस प्रकार की घिनौनी साजिश का व इस सम्बन्ध में दिखाई जा रही खबरों का जोरदार खण्डन और इसकी निन्दा भी करती है। 

प्रदेश सरकार कर रही है साजिश
उन्होंने कहा कि भीम आर्मी को बीएसपी के साथ जोड़ने की प्रदेश सरकार की साजिश वैसी ही निन्दनीय है, जैसा कि भीम आर्मी के लोग खासकर सहारनपुर में बीएसपी के साथ अपने आपको जोड़कर भोले-भाले लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके सहारनपुर दौरे के दौरान यह भी शिकायत मिली थी कि भीम आर्मी के लोग अपने आपको बीएसपी का शुभचिन्तक बताकर बाबा साहेब डा. अम्बेडकर जयंती आदि के अवसर पर लोगों से धन वसूला करते थे। साथ ही बीएसपी के नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनन्द कुमार से मिलने की बात भीम आर्मी के लोग प्रचारित करते थे, जबकि इस मामले में सच्चाई यह है कि इनकी नियुक्ति के बाद अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर देश भर के लोग आनन्द कुमार से मिलते रहते हैं। परन्तु भीम आर्मी के नाम पर किसी से ना तो कोई सम्पर्क हुआ और ना ही इस जैसे अन्य किसी संगठन से बीएसपी या आनन्द कुमार का कोई सम्बन्ध है। बीजेपी सरकार व भीम आर्मी दोनों के ही इस राजनीतिक साजिश का बीएसपी कड़े शब्दों में खण्डन व निन्दा करती है। इस सम्बन्ध में सरकारी इन्टेलिजेन्स एजेन्सी को लपेटना सरकार की दुर्भावना व सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को ही प्रमाणित करता है। यह सब साजिश बीजेपी सरकार अब इसलिये कर रही है, क्योंकि सहारनपुर के जातीय दंगे को रोकने में यह सरकार विफल रही है। 

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें