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स्थानीय निकाय के चुनाव बढ़ने से कम होंगी बीजेपी की परेशानियां पार्टी को है वोटर लिस्ट और परिसीमन की गड़बड़ियों के दूर

-पार्टी को है वोटर लिस्ट व परिसीमन की गड़बड़ियों के दूर होने की उम्मीदप्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयस्थानीय निकाय चुनाव पांच महीने बढ़ जाने से भारतीय जनता पार्टी की परेशानियां कम होने के आसार हैं।...

स्थानीय निकाय के चुनाव बढ़ने से कम होंगी बीजेपी की परेशानियां
पार्टी को है वोटर लिस्ट और परिसीमन की गड़बड़ियों के दूर
Center,LucknowTue, 23 May 2017 08:57 PM
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-पार्टी को है वोटर लिस्ट व परिसीमन की गड़बड़ियों के दूर होने की उम्मीदप्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयस्थानीय निकाय चुनाव पांच महीने बढ़ जाने से भारतीय जनता पार्टी की परेशानियां कम होने के आसार हैं। भाजपा की सबसे बड़ी परेशानी थी कि नगर निगम से लेकर नगर पंचायत तक की वोटर लिस्ट गड़बड़ थी। परिसीमन को लेकर भी भाजपा की शिकायत थी। पार्टी के पदाधिकारी इन शिकायतों को लेकर आधा दर्जन बार राज्य निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटा चुके थे। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और स्थानीय निकाय चुनाव प्रबंधन प्रभारी जेपीएस राठौर बताते हैं कि स्थानीय निकाय की वोटर लिस्टों की शिकायतों का उनके पास अंबार लग गया था। उनका कहना है कि वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों को लेकर उन्होंने 9 मई को राज्य निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया था। उस दौरान उन्होंने अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश शर्मा और जे.पी.सिंह को शिकायतों का पुलिन्दा सौंपा था। उसके बाद लगातार 15 मई तक आयोग के अधिकारियों को जिला संगठनों से आ रही शिकायतों को सौंपते रहे। वे लगातार मांग करते रहे कि वोटर लिस्टों के पुनरीक्षण का समय बढ़ाया जाए और परिसीमन की गड़बड़ियों को दुरुस्त किया जाए। भाजपा का यह भी कहना था कि राज्य निर्वाचन आयोग के पास एक साल पहले की वोटर लिस्ट थी। उस वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के लिए बूथ लेविल ऑफिसर (बीएलओ) को केवल एक हफ्ते का समय दिया गया। इतने कम समय में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का काम करना बीएलओ के लिए भी असंभव था। पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग के अफसरों से यह भी मांग की थी कि विधानसभा की मतदाता सूची से स्थानीय निकाय चुनाव करा लिया जाए लेकिन अफसरों के सामने तकनीकी दिक्कत यह थी कि उस मतदाता सूची को संबंधित निकाय और वार्ड में कैसे तब्दील किया जाए। अफसरों ने यह भी बताया कि केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ही विधानसभा की अपनी मतदाता सूची देने के लिए सहमत नहीं होगा। कारण कि कुछ मतदाता सूची में कुछ विसंगति पैदा हो जाए तो उसके लिए केन्द्रीय निर्वाचन आयोग जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होगा। पार्टी चाहती है कि इस मामले में राज्य निर्वाचन और केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के बीच समन्वय बनाया जाए ताकि एक ही वोटर लिस्ट पर लोकसभा, विधानसभा से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव हो जाएं।

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