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अयोध्या विवाद: दोनों पक्षों की पहल और संवाद से सुलझेगा मुद्दा- CM योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि विवाद का समाधान संवाद से होना चाहिए। हिन्दू व मुस्लिम पक्ष इस दिशा में पहल करें, प्रदेश व केंद्र की सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। श्री योगी...

दिगम्बर अखाड़ा में  श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते सीएम योगी आदित्य नाथ। 
1/ 4दिगम्बर अखाड़ा में  श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते सीएम योगी आदित्य नाथ। 
सीएम के साथ मंच पर मौजूद संत।
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अयोध्या में सरयू तट स्थित परमहंस रामचंद्र दास की समाधि पर पुष्प अर्पित करते सीएम योगी आदित्य नाथ। 
3/ 4अयोध्या में सरयू तट स्थित परमहंस रामचंद्र दास की समाधि पर पुष्प अर्पित करते सीएम योगी आदित्य नाथ। 
दिगंबर अखाड़ा।
4/ 4दिगंबर अखाड़ा।
वरिष्ठ संवाददाता,अयोध्या Wed, 26 Jul 2017 07:40 PM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि विवाद का समाधान संवाद से होना चाहिए। हिन्दू व मुस्लिम पक्ष इस दिशा में पहल करें, प्रदेश व केंद्र की सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। श्री योगी बुधवार को अयोध्या में  दिगम्बर अखाड़े में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के महानायक  महंत परमहंस रामचंद्र दास की 14वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि भारत की तरक्की नहीं होने देना चाहने वाले तत्व अयोध्या विवाद को बरकरार रखना चाहते हैं। उनकी मंशा है कि यह विवाद हमेशा बना रहे। जिस दिन अयोध्या विवाद का सौहार्द पूर्वक समाधान निकल गया, वह देश विरोधी ताकतों के लिए पतन का दिन होगा। भारत विश्व में महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिये गये महत्वपूर्ण सुझावों पर हिन्दू व मुस्लिम पक्षों को विचार करना चाहिए। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिन-प्रतिदिन सुनवाई की व्यवस्था प्रभावी की जाने वाली है। 

अयोध्या दिखा सकती है नई राह 
श्री योगी ने कहा कि आतंकवाद व हिंसा से ग्रस्त दुनिया को अयोध्या नई राह दिखा सकती है। राम की नगरी मानवता की लड़ाई को नया आयाम देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश के भीतर समाज को बांटने की साजिश रची जा रही है। अयोध्या के संत इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करें। इस साजिश के खिलाफ अलख जगाने के लिए संत समाज को आगे आना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत समाज अपनी साधना का केंद्र बिन्दु समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को बनाये। इससे सामाजिक विषमता खत्म होगी। यह सिर्फ सरकार का दायित्व नहीं है। संत समाज के साथ प्रत्येक सामान्य नागरिक की देश के प्रति जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी को उठाने की शुरुआत अयोध्या से हो और अयोध्या पूरे देश को इसकी प्रेरणा प्रदान करे। 

बार-बार आऊंगा अयोध्या  
मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी वह यहां आने से पहले जब परमहंस जी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने गये थे तो वहां एक पत्रकार ने पूछा आप यहां क्यों आए हैं। इस सवाल का जवाब मंच से देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मै अयोध्या क्यों न आऊं, इस पर किसी को क्या आपत्ति है। मैं बार-बार आऊंगा और आता रहूंगा। अयोध्या ने दुनिया को सभ्यता व संस्कृति प्रदान की है। विश्व के कई देशों में भगवान राम की परंपरा दृष्टिगोचर होती है। भारत के हर शहर और गांव के लोगों के दिल में राम बसे हुए हैं। जिस राम की महिमा दुनिया में गायी जा रही है, उसे नजदीक से देखने के अवसर से भला कोई कैसे वंचित हो सकता है। परमहंस रामचंद्र दास महाराज का जिक्र करते हुए श्री योगी ने कहा कि उनका जीवन सादगी से भरा और प्रेरणादायी था। उनके पास तर्कों की भरमार थी। उन्होंने परमहंस से जुड़े कई संस्मरण भी सुनाए। उन्होंने अपने भाषण में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की। समारोह की अध्यक्षता श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास एवं संचालन रामानंद दास ने किया। दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने आभार ज्ञापित किया। 

अर्पित किया श्रद्धासुमन
यहां से आने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सरयू तट पर स्थित परमहंस रामचंद्र दास की समाधि पर भी गये। यहां पर उन्होंने श्रद्धासुमन अर्पित किया।  

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