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पोस्टमार्टम रिपोर्ट की खामियों में उलझ गया आईएएस अनुराग की मौत का राज

आईएएस अनुराग तिवारी के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ कमियां है जिनकी वजह से उनकी मौत का रहस्य अनसुलझा ही बना हुआ है। पोस्टमार्टम के दौरान ही कुछ टेस्ट और हो जाते तो यह पता करना बेहद आसान हो जाता है कि...

पोस्टमार्टम रिपोर्ट की खामियों में उलझ गया आईएएस अनुराग की मौत का राज
लाइव हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 26 May 2017 10:39 PM
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आईएएस अनुराग तिवारी के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ कमियां है जिनकी वजह से उनकी मौत का रहस्य अनसुलझा ही बना हुआ है। पोस्टमार्टम के दौरान ही कुछ टेस्ट और हो जाते तो यह पता करना बेहद आसान हो जाता है कि उनकी हत्या की गई है अथवा उनकी मौत महज हादसा ही है। यह दावा फोरेंसिक साइंस लैब के विशेषज्ञों ने किया है। इनका कहना है कि अब कुछ केमिकल्स रिपोर्टआनी बाकी है जिसके बाद ही कुछ स्थिति साफ हो सकेगी। 

अनुराग तिवारी (36) का शव 17 मई की सुबह मीराबाई मार्ग पर औंधे मुंह पड़ा मिला था। वह मसूरी में ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरा करके लखनऊ आए थे और एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह के साथ वीआईपी गेस्ट में ठहरे थे। उनके घर वालों ने हत्या की आशंका व्यक्त की थी। पर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं हो सकी थी। इसके बाद ही डॉक्टरों ने विसरा और दिल को जांच के लिये सुरक्षित रख लिया था। हालांकि कुछ तथ्यों के आधार पर बड़े भाई ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में asphyxia के आगे प्रश्नचिन्ह
अनुराग तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में asphyxia के आगे कॉज (cause) लिखा है और इसके आगे प्रश्नवॉचक चिन्ह लगा हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कभी नहीं लिखा जाता है। अगर मौत का कारण साफ नहीं होता है तो इसमें अननोन रीजन लिखा जाता है। दूसरे एसफीक्सिया यानी दम घुटने से मौत की कई वजह होती है। सामान्य तरीके से अगर इसे यह माना जाये कि तकिया दबाने या गला घोटने से दम घुटा तो ऐसी परिस्थितियों में गले पर निशान होते और संघर्ष करने के कुछ सुबूत जरूर मिलते। 

टॉक्सिक एसफीक्सिया सम्भव
विशेषज्ञों का कहना है कि टॉक्सिक एसफीक्सिया में जहर मिला पदार्थ खाने का जिक्र होता है। इसके अलावा फूड प्वाजनिंग होने पर यही कारण आता है। इसकी कुछ परिस्थितियां मानी जा सकती है पर इसमें भी सवाल यह उठ रहा है कि मौत से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अपने बैच मेट एलडीए के वीसी प्रभु एन सिंह के साथ आर्यन रेस्त्रां में डिनर किया था। अब रात में अगर किसी ने उन्हें जहरीला पदार्थ दिया तो कैसे दिया? यह सबसे अहम सवाल होगा। विशेषज्ञों ने यह भी सवाल उठाया है कि कई बार अफीम या ज्यादा नशीले पदार्थ का सेवन करने से मौत होने पर भी ऐसी ही रिपोर्ट आती है। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति नशे या बीमारी की हालत में गलत पोजीशन में गिर जाता है तो सांस लेने में परेशानी की वजह से भी उसकी जान जा सकती है। इसे postural asphyxia कहा जाता है।

एनवायरमेंट एसफीक्सिया
विशेषज्ञों ने बताया कि एनवायरमेंट और पैथालॉजिकल एसफीक्सिया भी होता है। एनवायरमेंट एसफीक्सिया वजह तब आती है कि जब किसी की मौत कमरे में धुआं भरने से होती है। कई बार अंगीठी कमरे में जलने से ज्यादा धुआ होने पर भी मौत होने पर एनवायरमेंट एसफीक्सिया आता है। पर, इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। विशेषज्ञों ने सवाल उठाया कि एसफीक्सिया का प्रकार जरूर लिखना चाहिये थे। 

हार्ट अटैक की सम्भावना पर नाइट्रो बीटी टेस्ट करना था
विशेषज्ञों का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने सम्भावना व्यक्त की थी कि मौत की वजह हार्ट अटैक है। पर, अगर पोस्टमार्टम के दौरान उन्हें ऐसा लगा था तो तुरन्त ही उन्हें नाइट्रो बीटी टेस्ट करना था। इस टेस्ट से अगर हार्ट अटैक मौत की वजह होती तो दिल काला पड़ जाता। पर, यह टेस्ट नहीं किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह टेस्ट हुआ तो मौत की वजह साफ हो गई थी।

कर्नाटक जाने की तैयारी में एसआईटी
सीओ हजरतगंज अवनीश मिश्र के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम जल्दी ही बंगलुरु जायेगी। इसकी तैयारियां पूरी हो गई है। बस, अभी अनुराग के परिवारीजनों के एक सदस्य के जाने पर सहमति नहीं बन पायी है। घर वालों की सहमति मिलते ही टीम बंगलुरू चली जायेगी। सीओ अवनीश मिश्र ने बताया कि परिवार के सदस्यों के साथ ही वहां पर अनुराग के बारे में कई तथ्य जुटाये जायेंगे। यह पता किया जायेगा कि अनुराग ने कभी वहां पर खुद को खतरा बताया था या नहीं। 

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