आठ लाख व्यापारी में 45 हजार अभी भी अपंजीकृत
प्रदेश भर में लगभग 45 हजार व्यापारियों को प्रोविजनल आईडी अभी जीएसटीएन से प्राप्त नहीं हो पाई हैं। लेकिन जो भी व्यापारी वैट में पंजीकृत रहे हैं वह सभी व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत माने जाएंगे। ऐसे...
प्रदेश भर में लगभग 45 हजार व्यापारियों को प्रोविजनल आईडी अभी जीएसटीएन से प्राप्त नहीं हो पाई हैं। लेकिन जो भी व्यापारी वैट में पंजीकृत रहे हैं वह सभी व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत माने जाएंगे। ऐसे व्यापारी प्रोविजनल आईडी मिलने तक वैट टिन नम्बर का प्रयोग करके व्यापार कर सकते हैं। मंगलवार को गोमतीनगर स्थित वाणिज्य कर मुख्यालय में एडिशनल कमिश्नर विवेक कुमार (विधि जीएसटी)ने बताया कि जीएसटी में इनवासी जारी करने के संबंध में कुछ प्रश्न रोजाना आ रहे हैं। इसलिए यह बताना जरूरी हो गया है कि कर योग्य माल-सेवा की आपूर्ति की दशा में टैक्स इनवाइस तथा कर मुक्त माल-सेवा की आपूर्ति की दशा में बिल ऑफ सप्लाई जारी की जानी है। कर योग्य वस्तुओं के ऐसे व्यापारी जिनके द्वारा समाधान योजना का विकल्प अपनाया गया है उनके द्वारा भी बिल ऑफ सप्लाई ही जारी की जाएगी। समाधान योजना के व्यापारियों को टैक्स इनवाइस जारी नहीं करना है। मुख्यालय ने भी जारी किया हेल्प डेस्क नम्बर राज्य में स्थित वाणिज्य कर विभाग के सभी कार्यालयों में हेल्प डेस्क स्थापित कर दिए गए हैं। इन हेल्प डेस्क में असिस्टेंट कमिश्नर स्तर के अधिकारी हमेशा जवाब देने के लिए मौजूद रहेंगे। मुख्यालय पर जो हेल्प डेस्क बनाई गई है उसका नम्बर 0522- 3312600, 2721944 तथा कंट्रोल रूम नम्बर 0522-2721153 है। यह हेल्प डेस्क सुबह 8 बजे से सायं 8 बजे तक कार्य करेगी। वहीं कर विभाग की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट सीओएमटीएएक्स डाट यूपी डाट एनआईसी डाट आईएन पर सभी जिलों के जीएसटी हेल्पडेस्क नम्बर उपलब्ध है।