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किसानों की जमीन का लेखपाल नहीं कर पाएंगे गलत पैमाइश

प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय लेखपाल व कानूनगो किसानों की जमीनों के साथ अब आसानी से हेराफेरी नहीं कर पाएंगे। उनकी जमीनों की न तो गलत तरीके से पैमाइश की जा सकेगी और न ही उनकी जमीन की चौहद्दी आसानी...

किसानों की जमीन का लेखपाल नहीं कर पाएंगे गलत पैमाइश
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 04 Jul 2017 08:17 PM
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प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय लेखपाल व कानूनगो किसानों की जमीनों के साथ अब आसानी से हेराफेरी नहीं कर पाएंगे। उनकी जमीनों की न तो गलत तरीके से पैमाइश की जा सकेगी और न ही उनकी जमीन की चौहद्दी आसानी से बदली जा सकेगी। राजस्व परिषद इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए गांवों की सीमा पर लगे पिलर की कोडिंग कराने जा रहा है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। गांवों में सबसे अधिक विवाद जमीनों को लेकर होता है। जमीनों की गलत पैमाइश की वजह से किसानों को दर-दर की ठोकरे खानी पड़ती हैं। गलत पैमाइश और खेत की चौहद्दी गलत नापने संबंधी काफी विवाद राजस्व न्यायालयों में विचाराधीन है। राजस्व परिषद ने जमीन संबंधी विवादों का जल्द समाधान करने को कहा है। साथ में गांवों की सीमा पर लगे पिलर की कोडिंग कराने का निर्देश दिया गया है। राजस्व परिषद ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक गांव से दूसरे गांव की सीमा पर लगे पिलर को पहले चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद इसकी कोडिंग की जाएगी। गांवों में पिलर की हुई कोडिंग को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से जोड़ा जाएगा। यह एक सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम है जो लोकेशन और समय जैसी सूचना बताता है। राजस्व परिषद का मानना है कि गांवों में लगे पिलर की कोडिंग होने के बाद लेखपाल जमीनों की गलत पैमाइश नहीं कर सकेंगे। इससे किसान की चौहद्दी को गलत बताने या इधर-उधर किया गया तो तुरंत पकड़ में आ जाएगा।

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