VIDEO चित्रकूट को फ्री जोन घोषित कर चहुंमुखी विकास कराएंगे: योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पवित्र धाम चित्रकूट एक सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है। इसकी पवित्रता को सभी को मिलकर बरकरार रखना है। अब चित्रकूट में यूपी और एमपी का भेद नहीं रहेगा। इसे फ्री जोन...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पवित्र धाम चित्रकूट एक सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है। इसकी पवित्रता को सभी को मिलकर बरकरार रखना है। अब चित्रकूट में यूपी और एमपी का भेद नहीं रहेगा। इसे फ्री जोन घोषित करने के साथ यहां बिजली और पानी की व्यवस्थाएं करेंगे। मध्य प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र में बेहतर काम किया। अब मिलकर सब लोग काम करेंगे। बुन्देलखण्ड में यदि पर्याप्त पानी का प्रबंध हो जाए तो इससे समृद्ध कोई और क्षेत्र नहीं होगा। घोषणा की कि इस क्षेत्र में पानी के प्रबंध के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।
रविवार शाम चित्रकूट पहुंचे मुख्यमंत्री सबसे पहले साधु-संतों के पास पहुंचे। इसके बाद पवित्र मंदाकिनी किनारे मत्स्यगयेंद्रनाथ मंदिर में महाआरती की। फिर मंदाकिनी गंगा की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने के बाद आरती की। इस मौके पर सीएम ने कहा, धर्म संस्कृति में राजनीति की सीमा नहीं होती है। न ही दलीय भेद होता है। भगवान राम की तपोभूमि जहां उन्होंने वनवास काल का सर्वाधिक समय व्यतीत किया है उस ऐतिहासिक धरा का चहुंमुखी विकास कराएंगे। इस फ्री जोन घोषित कराने के साथ ही विकास का खाका तैयार किया है। इसकी पूरी कार्य योजना लेकर वह इस पवित्र नगरी में आए हैं। तीर्थ क्षेत्र की पवित्र मंदाकिनी नदी को शुद्ध रखेंगे। इसे निर्मल बनाने के लिए हर प्रकार से प्रयास करेंगे। इसकी घोषणा सोमवार को करेंगे।
सीएम ने कहा कि सभी का नैतिक दायित्व ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय कर्तव्य भी है कि इस क्षेत्र की पवित्रता बरकरार रखें। भारत नदी संस्कृति प्रधान देश है। अयोध्या में सरयू की आरती शुरू की। अब चित्रकूट में आकर मंदाकिनी गंगा की आरती कर रहे हैं। इसका मकसद है कि नदियों को सुरक्षित रखा जाए। पूरी मानव सभ्यता इन्हीं नदियों किनारे बसी है। आरती इसलिए करें ताकि इनका अस्तित्व बचा रहे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि चित्रकूट में लगने वाले हर अमावस्या मेले के लिए प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने गंगा आरती के समय लोगों को भरोसा दिया कि वह चित्रकूट के चहुंमुखी विकास के लिए ढेर सारी योजनाएं लेकर आए हैं जिनकी घोषणा सोमवार को करेंगे।
चित्रकूट के घाट में साधु-संतों से मिले सीएम
चित्रकूट के घाट में भई संतन की भीर, तुलसीदास चंदन घिसें तिलक देत रघुवीर। रामघाट के जिस स्थान में बैठकर गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में इस चौपाई की रचना की थी उसी चबूतरे के बगल में सीएम ने रामघाट किनारे गंगा आरती की। जयश्रीराम और कामतानाथ के जयकारों के बीच वैदिक मंत्रोच्चार संग मुख्यमंत्री ने विधि विधान से पूजा अर्चना की। सोमवार को सुबह कामतानाथ के दरबार में माथा टेकने के बाद वह जिले में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। रविवार शाम रामघाट का नजारा ही अलग था। फूलों से पूरे घाट को सजाया संवारा गया। मत्यस्यगयेंद्रनाथ मंदिर को फूलों से पाट दिया गया। साधु-संतों के बीच जब सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे तो जयश्रीराम के नारे गूंजने लगे। निर्मोही अखाड़ा में सभी संतों ने भगवाधारी योगी बाबा से मुलाकात की। बातचीत का मौका मिला तो पिछड़े चित्रकूट का दर्द बयां कर दिया। यहां मौजूद निर्मोही अखाड़ा महंत ओंकारदास, कामतानाथ प्रमुख द्वार के संत मदनदास, भरत मंदिर महंत दिव्य जीवन दास, रामायणी कुटी महंत रामहृदयदास आदि ने कहा कि सीमा भेद के कारण तीर्थ क्षेत्र में सुविधाओं का टोटा है। एमपी की तरफ पर्याप्त विकास हुआ पर यूपी क्षेत्र अविकसित है। इस पर सीएम ने कहा भरोसा रखें सब ठीक किया जाएगा। यहां संतों ने राम मंदिर की आवाज उठाई तो जयश्रीराम कहकर मुख्यमंत्री आगे के कार्यक्रम में निकल गए।