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कानपुर में रिक्शे से टकराई दूरंतो, पीछे रुकीं दो ट्रेनें, VIDEO BYTE

सेंट्रल स्टेशन से करीब आधा किलोमीटर पहले मंगलवार सुबह दूरंतो एक्सप्रेस के इंजन में टकराने के बाद रिक्शा फंस गया। इस पर ट्रेन के चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए आकस्मिक ब्रेक लगा ट्रेन रोक दी। पीछे से आ...

कानपुर में रिक्शे से टकराई दूरंतो, पीछे रुकीं दो ट्रेनें, VIDEO BYTE
लाइव टीम,कानपुरWed, 27 Sep 2017 10:31 AM
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सेंट्रल स्टेशन से करीब आधा किलोमीटर पहले मंगलवार सुबह दूरंतो एक्सप्रेस के इंजन में टकराने के बाद रिक्शा फंस गया। इस पर ट्रेन के चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए आकस्मिक ब्रेक लगा ट्रेन रोक दी। पीछे से आ रहीं झारखंड स्वर्ण जयंती और महाबोधि एक्सप्रेस भी जहां की तहां ठहर गईं। ऑटोमेटिक सिग्नल के चलते दोनों ट्रेनें एक के पीछे खड़ी हो गईं। एनसीआर के सीपीआरओ जीके बंसल ने बताया कि एक ट्रैक पर ट्रेनों के खड़े होने के पीछे रेल हादसा बचा जैसी कोई बात ही नहीं है। रेल ट्रैक पर एक के पीछे ही ट्रेनें चलती हैं अौर अॉटोमेटिक सिग्लन प्रणाली के तहत ही रुकती हैं। 
   शांतिनगर में बंद रेलवे क्रॉसिंग से रिक्शा निकाल रहा चालक उस वक्त हड़बड़ा गया जब सामने इलाहाबाद की ओर से दूरंतो एक्सप्रेस आ रही थी। उसे कुछ सूझा नहीं तो वह रिक्शा ट्रैक पर ही छोड़कर भाग खड़ा हुआ। दूरंतो एक्सप्रेस रिक्शे से जा टकराई।
 जानकारी के बाद बाद रेलवे पुलिस फोर्स पहुंची और रिक्शे को खिंचवा थाने लाकर सीज कर दिया गया। इसके साथ ही अज्ञात रिक्शा चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी गई। इस चक्कर में दूरंतो क्रॉसिंग पर ही पौन घंटे तक खड़ी रही। इसके चलते इलाहाबाद से कानपुर आने वाली आधा दर्जन ट्रेनें रास्ते में ही फंसी रहीं।
  सुबह लगभग दस बजे शांतिनगर क्रॉसिंग के गेटमैन मृत्युंजय कुमार ने दूरंतो एक्सप्रेस (12259) का सिग्नल होने पर फाटक बंद किया। दो मिनट बाद एक रिक्शा चालक बंद फाटक के नीचे से निकलने लगा। उसे जब ट्रेन आती दिखी तो उसके होश उड़ गए। यह देखकर आसपास के लोग भी चिल्लाने लगे। चालक रिक्शे को ट्रैक पर ही छोड़कर भाग गया। दूरंतो ने ट्रैक पर खड़े रिक्शे में टक्कर मारी और रिक्शा टूटकर इंजन में फंस गया। इस दौरान पीछे से आ रहीं दो ट्रेनें वहीं पर खड़ी हो गईं। दूरंतो चालक ने ट्रेन रोक कंट्रोल के जरिए अफसरों को सूचना दी। दस मिनट बाद रेलवे और सुरक्षा बल के जवान मौके पर पहुंचे और इंजन में फंसे रिक्शे को बाहर किया। ट्रेन पौने 11 बजे सेंट्रल के लिए चल पाई। मेन लाइन बाधित होने की वजह से महाबोधि, झारखंड सहित आधा दर्जन ट्रेनें रास्ते में फंसी रहीं।  


सेंट्रल से चंदारी तक ऑटोमेटिक सिग्नल
कानपुर सेंट्रल से चंदारी स्टेशन के सेक्शन में ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली है। इस कारण रिक्शे से टकराने के बाद जब दूरंतो शांतिनगर क्रॉसिंग पर खड़ी हुई तो इसके 75 मीटर पीछे झारखंड एक्सप्रेस (12873) और ठीक उसके पीछे 12397 महाबोधि खड़ी हो गई।
कैसे काम करता है ऑटोमिटिक सिग्नल 
रेलवे की ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली के तहत दो स्टेशनों के बीच तीन से छह सिग्नल होते हैं। कोई सिग्नल ग्रीन तो कोई लाल या पीला होता है। दूरंतो एक्सप्रेस जब शांतिनगर क्रॉसिंग पर खड़ी हुई तो इसके पीछे वाला सिग्नल लाल हो गया। इस सिग्नल पर झारखंड एक्सप्रेस के चालक ने ट्रेन रोकी और नियमानुसार एक मिनट रुका और ट्रेन को चला दिया। जब उसने सौ मीटर दूर दूरंतो को खड़ा देखा तो ट्रेन को फिर रोक दिया। लाल सिग्नल पर ट्रेन के रुकने पर चालक की जिम्मेदारी होती है कि वह अगले सिग्नल तक ट्रेन को सावधानीपूर्वक यानी ट्रैक को देखते हुए चलेगा, ताकि  कोई बाधा दिखे तो तत्काल ट्रेन रोक सके। यही काम महाबोधि एक्सप्रेस के चालक ने किया। एक के पीछे एक ट्रेन खड़ी होने पर इलेक्ट्रॉनिक चैनलों ने कानपुर में टला रेल हादसा की खबर चलाई तो रेलवे बोर्ड तक मामला पहुंच गया और इससे हड़कंप मचा रहा।

 

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