वर्दी पर लगे कैमरे से होगी पुलिसकर्मियों की निगरानी
पुलिस की वर्दी में भी अब कैमरा लगेगा। इससे न सिर्फ पुलिस की वसूली बल्कि पब्लिक से दुर्व्यवहार पर भी रोक लगेगी। यही नहीं अगर नेता या फिर दबंग पुलिस से दुर्व्यवहार करता है तो वह भी शिकंजे में आएगा।...
पुलिस की वर्दी में भी अब कैमरा लगेगा। इससे न सिर्फ पुलिस की वसूली बल्कि पब्लिक से दुर्व्यवहार पर भी रोक लगेगी। यही नहीं अगर नेता या फिर दबंग पुलिस से दुर्व्यवहार करता है तो वह भी शिकंजे में आएगा। इसकी शुरुआत ट्रैफिक पुलिस से होगी। वर्दी में लगने वाले बाडी कैमरे की खरीदारी के लिए अफसरों ने पहले चरण में 70 बाडी कैमरे का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
अब तक चुनाव में चेकिंग के दौरान ही पुलिस कैमरा का इस्तेमाल करती आई है। इसके लिए हैण्डीकैंप कैमरा से रिकार्डिंग कराई जाती है। वजह किसी तरह का कोई आरोप न लगे पर अब ड्यूटी के दौरान भी यही फार्मूला अपनाने की तैयारी शुरू हो गई। जिससे वर्दी को और पारदर्शी बनाई जा सके।
अक्सर पुलिसवालों पर वसूली या फिर पब्लिक से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगता है। बाडी कैमरे से इसमें भी लगाम लगेगी यही नहीं पब्लिक का कोई व्यक्ति अगर पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करता है तो उसकी पूरी गतिविधि भी कैमरे में कैद हो जाएगी। सफेदपोश भी वर्दी पर अपनी धाक नहीं जमा पाएंगे। इस कैमरे से जहां ईमानदार पुलिसवालों को और मजबूती मिलेगी वहीं बेईमान नहीं सुधरे तो उनका राजफाश कर देगा।
हर गतिविधि होगी कैमरे में कैद
अक्सर देखा जाता है कि गलती करने वाला आदमी दूसरे पक्ष पर आरोप मढ़ता है। कौन सही-गलत है, इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं होता। इस कैमरे से ऐसा नहीं होगा। चालान करते वक्त पूरी गतिविधि कैमरे में कैद होगी। किसी भी तरह की शिकायत या आरोप लगने पर रिकार्डिंग होती रहेगी।
एक सप्ताह तक रहेगी रिकार्डिंग
बाडी कैमरा हाई रेजोल्यूशन का होगा, जिसकी रिकार्डिंग एक सप्ताह तक मेमोरी में रहेगी। निर्धारित अवधि के बाद रिकार्डिग आटोमेटिक डिलीट हो जाएगी, लेकिन उनका रिकार्ड पुलिसकर्मी अपने पास रखेंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर उसकी मदद ली जा सके।
ट्रैफिक पुलिस के लिए बाडी कैमरे का प्रस्ताव भेजा गया है। सिविल पुलिस के पास करीब 10 से 12 बाडी कैमरा है। विशेष चेकिंग अभियान, चुनाव में चेकिंग सहित ऐसे स्थानों पर जहां इसकी जरूरत होती है वहां इस्तेमाल किया जाता है। जब भरपूर मात्रा में बाडी कैमरा मिल जाएगा तो ट्रैफिक पुलिस में भी इस्तेमाल किया जाएगा।
प्रवीण सिंह, सीओ ट्रैफिक