कहीं सेहत न बिगाड़ दे सेब पर चढ़ी मोम और परवल में मिला रंग
बाजार में मिल रही सब्जियों और फलों की चमक अगर आपको आकर्षित कर रही हैं तो यह खबर आपके लिए काफी अहम है। सब्जियों और फलों पर दिखने वाली यह चमक आपकी सेहत बिगाड़ सकती है। परवल और करेले हरा-भरा और ताजा बनाए...
बाजार में मिल रही सब्जियों और फलों की चमक अगर आपको आकर्षित कर रही हैं तो यह खबर आपके लिए काफी अहम है। सब्जियों और फलों पर दिखने वाली यह चमक आपकी सेहत बिगाड़ सकती है। परवल और करेले हरा-भरा और ताजा बनाए रखने के लिए हरे रंग का प्रयोग तो सेव को चमकदार और तरोताजा बनाए रखने के लिए मोम की परत चढ़ाई जा रही है।
‘हिन्दुस्तान’ ऐसे ही बड़े सच से पर्दा उठाने जा रहा है की आखिर कैसे हम सेब खाकर कैसे अपने सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। हम बता रहे हैं कि सेब से मोम कैसे अलग कर सकते हैं। इस सेब के सेवन से आंत में मोम की परत जम सकती हैं। इस तरह के सेब खाने वाले लोग पेट की गंभीर बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं।
ब्लेड से खुरचने पर मोम की पूरी परत छूट गई
‘हिन्दुस्तान’ ने सेब पर लगाई गई मोम की परत का सच उजागर करने के लिए ब्लेड से खुरचा गया तो पूरे सेब पर मोम की परत साफ दिखाई देने लगी। इसे और पुष्ट करने के लिए जब मोमबत्ती से थोड़ी सी आग दिखाई तो उस पर लगी मोम की परत पिघल की नीचे आ गई।
लाल रंग की दिखने वाली सेब सिर्फ आकर्षक, सेहत के लिए नुकसानदायक
लाल और बड़े-बड़े सेबों पर मोम की कोटिंग की जाती है। ये सभी सेब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, और साउथ अफ्रीका से आयात होकर भारत आते हैं।
बंगाल से आने वाले परवल में रंग
परवल और करेले को अधिक दिन तक ताजा दिखने के लिए उसमें हरे रंग और सरसो तेल का मिश्रण मिलाया जाता है। इसके कर देने से परवल-करेला अधिक चमकदार और सुंदर दिखाए देते हैं। महेवा मण्डी में कुछ व्यापारियों ने स्वीकारा कि बंगाल से आने वाले परवल में रंग मिलाए जाते हैं। इसके साथ ही कुछ फुटकर सब्जी व्यापारी ऊंचे दामों में सब्जी बेचने के लिए रंग का प्रयोग करते हैं।
यहां कर सकते हैं शिकायत
अगर आपको इन दोनों या किसी अन्य खाद्य वस्तुओं में मिलावट का संदेह हो तो आप सीधे खाद्य सुरक्षा विभाग, कलेक्ट्रेट परिसर में शिकायत कर सकते हैं। सूचना देने वाले व्यक्ति की सूचना गोपनीय रखी जाएगी।
रंग और मोम दोनों सेहत के लिए नुकसान देह है। ऐसी चीजों से बचना चाहिए। पूरी कोशिश करें कि जो भी फल या सब्जी लाएं उसी अच्छी तरह से साफ से साफ कर लें।
डॉ. अतुल शाही, वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ
सर्वे में लिए गए सैंपल की जांच में जहर भी मिल जाए तो भी दोबारा करनी होगी सैंपलिंग
हम आपको यहां एक और हैरान करने वाली सूचना देने जा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम अगर बाजार में सर्वे करने जाती है और शक के आधार पर किसी खाद्य सामग्री की सैंपलिंग कर जांच के लिए भेजती है तो उसके परिणाम में अगर मिलावट आ भी जाए तो उसपर कार्रवाई नहीं होगी। इसके लिए टीम को दोबारा नमूना लेना होगा और जांच के लिए भेजना होगा।