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सिल्ट से पटे नाले और अतिक्रमण ने बढ़ाई बेचैनी

हल्की बारिश में बेहाल होने को अभिशप्त शहर मानसूनी बारिश के अहसास भर से बेचैन हो जा रहा है। निगम के दावा है कि पहले चरण की सफाई हो चुकी है और 15 जून तक सभी नालों की तल्लीझार सफाई हो जाएगी। दावों के...

सिल्ट से पटे नाले और अतिक्रमण ने बढ़ाई बेचैनी
Center,GorakhpurSun, 28 May 2017 03:19 PM
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हल्की बारिश में बेहाल होने को अभिशप्त शहर मानसूनी बारिश के अहसास भर से बेचैन हो जा रहा है। निगम के दावा है कि पहले चरण की सफाई हो चुकी है और 15 जून तक सभी नालों की तल्लीझार सफाई हो जाएगी। दावों के पड़ताल के लिए ‘हिन्दुस्तान ने शनिवार को पैड़लेगंज से छात्रसंघ चौराहे से कैंट थाना और बेतियाहात नाले का निरीक्षण किया तो नालियां या तो सिल्ट से पटी थीं या फिर उनपर अतिक्रमण था। कैंट थाने से लेकर पैडलेगंज तक के नाले के 50 फीसदी हिस्से पर लोगों ने स्लैब डालकर अतिक्रमण रखा है। पैडलेगंज चौराहे से लेकर कब्रिस्तान गेट तक नाला नजर ही नहीं आ रहा है। दुकानदारों ने जगह-जगह स्लैब रखकर अतिक्रमण कर रखा है। कब्रिस्तान गेट से लेकर छात्रसंघ चौराहे तक नाला पूरी तरह प्लास्टिक और थर्माकोल से पटा हुआ नजर आता है। छात्रसंघ चौराहे से लेकर कैंट थाना तक बड़े-बड़े चिकित्सालय और कोचिंग सेंटर संचालकों द्वारा नाले पर अतिक्रमण किया गया है। बेतियाहाता में तो नाला नजर ही नहीं आता है। चिकित्सकों के साथ दवा कारोबारियों ने नालों पर पूरी तरह कब्जा कर रखा है। नाला सफाई नहीं होने से ढाई किमी नाले के ईद-गिर्द करीब 500 आवास जलमग्न होते हैं। कैंट थाने के पास सीताराम यादव वस्त्रालय की गली, बांसगांव कॉलोनी और कालेपुर मार्केट से सटी कॉलोनी में एक से ड़ेढ फीट तक जलभराव होता है। दुकानदार रमेश जायसवाल का कहना है कि जलभराव से जूझना नियति बन चुकी है। बारिश के दिनों में एक से डेढ़ महीने तक जलभराव रहता है। वहीं बेतियाहाता निवासी सुजीत कुमार का कहना है कि नगर निगम जब-जब सफाई करता है, सिल्ट को बगल में ही रख देता है। चंद घंटों में ही सिल्ट दोबारा नाला में चला जाता है। बारिश से पहले स्लैब हटाकर सफाई होनी चाहिए।

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