नेपाल से आकर कुशीनगर में फंस गया था ये गैंडा, ऐसे बचाया गया
नेपाल में आई भीषण बाढ़ में बहकर चितवन नेपाल वन क्षेत्र से कई वन्य जीवों के साथ पांच गैंडे भी यूपी-बिहार सीमा के जंगलों में आ गए थे। इन पांच गैंडों में से एक की मौत हो गई थी। एक गैंडे को गुरुवार को...
नेपाल में आई भीषण बाढ़ में बहकर चितवन नेपाल वन क्षेत्र से कई वन्य जीवों के साथ पांच गैंडे भी यूपी-बिहार सीमा के जंगलों में आ गए थे। इन पांच गैंडों में से एक की मौत हो गई थी। एक गैंडे को गुरुवार को पकड़ा गया था, जबकि तीन को पकड़ने के लिए रेस्क्यू कर रही चितवन नेपाल व बाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार की संयुक्त टीम ने चुलभट्ठा के जंगल से एक गैंडे को बेहोश कर पकड़ लिया। अभी भी दो गैंडों को पकड़ने के लिए रेस्क्यू जारी है। पानी की तेज धार में नेपाल से बहकर आए गैंडे बाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में डेरा जमा लिए हैं। गैंडों को पकड़ने के लिए संयुक्त टीम रविवार से ही हाथियों के सहारे रेस्क्यू तेज कर दी थी। टाइगर क्षेत्र के इ टाइप कालोनी के निकट डेरा जमाए एक गैंडे को पकड़ने के लिए टीम रविवार की रात से ही विशेष सर्च आपरेशन शुरू किया था। घंटों की मशक्कत के बाद भी गैँडा टीम को छकाते हुए जटाशंकर वन क्षेत्र में घुस गया था। इसके बाद टीम ने तीन हाथियों के सहारे बाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के चुलभट्ठा जंगल में एम्बुसिंग लगाकर सर्च आपरेशन शुरू कर दिया और घंटों की जद्दोजहद के बाद एक गैंडे को टीम ने बेहोश कर पकड़ने में सफलता पा ली। टीम को उम्मीद है कि बाकी गैंडे भी जल्द पकड़ लिए जाएंगे। टाइगर रिजर्व वन प्रमण्डल दो के डीएफओ अमित कुमार ने बताया कि नेपाल से इस क्षेत्र में आये चार गैंडो के होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। नरयनापुर बगहा से गुरुवार की शाम को एक गैंडे को पकड़कर नेपाली वन प्रशासन को सौंप दिया गया था, जबकि दूसरे को चुलभट्ठा से पकड़कर नेपाली अधिकारियों के हवाले कर दिया गया है। जटाशंकर जंगल में डेरा डाले दो और गैंडों को पकड़ने के लिए सोमवार से रेस्क्यू आपेरशन शुरू किया गया है।