शिक्षामित्रों के आंदोलन का असर: प्राइमरी स्कूलों पर लटक रहे ताले
बेसिक शिक्षा विभाग भले ही शिक्षामित्रों के आन्दोलन के चलते स्कूल बंद न होने का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत इसके उलट है। ‘हिन्दुस्तान’ की पड़ताल में एक दर्जन से अधिक प्राथमिक स्कूलों पर...
बेसिक शिक्षा विभाग भले ही शिक्षामित्रों के आन्दोलन के चलते स्कूल बंद न होने का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत इसके उलट है। ‘हिन्दुस्तान’ की पड़ताल में एक दर्जन से अधिक प्राथमिक स्कूलों पर ताले लटकते मिले। कई स्कूलों में तो शिक्षक कुर्सियों पर आराम फरमाते नजर आए और बच्चे ग्राउण्ड में खेलते।
कुदरहा ब्लॉक के पिपरपाती प्राथमिक विद्यालय में सुबह साढ़े आठ बजे बच्चे स्कूल के बाहर खड़े नजर आए। पूछने पर बताया कि रोज स्कूल खुलने की आस में आते हैं, लेकिन ताला न खुलने पर वापस लौटना पड़ता है। सल्टौआ ब्लाक के गौहनिया, विक्रमजोत ब्लाक के पकड़ी सूर्यवंश समेत एक दर्जन प्राथमिक विद्यालयों पर ऐसा ही नजारा दिखा। जिले में 2870 शिक्षामित्र तैनात हैं, जिनमें अधिकतर कार्यबहिष्कार पर हैं।
यह हालात बेसिक शिक्षा विभाग के उस दावे की भी पोल खोल रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि सभी प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बना दी गई है। बीएसए सत्येन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि स्कूल न आने वाले शिक्षामित्रों को अनुपस्थित माना जाएगा। जहां तक स्कूल बंद होने की बात है तो इसकी रिपोर्ट सभी बीईओ से मांगी जाएगी।