कर्जमाफी के लिए रिश्वत मांगते लेखपाल का वीडियो वायरल, एसडीएम ने किया सस्पेंड
प्रदेश सरकार की किसान ऋण मोचन योजना में भी भ्रष्टाचार सामने आने लगा है। पारदर्शी नियम के बाद भी रामबचन नाम के लेखपाल ने किसान से कर्ज माफ कराने के बदले रिश्वत मांग ली। शुक्रवार देर रात रिश्वत का...
प्रदेश सरकार की किसान ऋण मोचन योजना में भी भ्रष्टाचार सामने आने लगा है। पारदर्शी नियम के बाद भी रामबचन नाम के लेखपाल ने किसान से कर्ज माफ कराने के बदले रिश्वत मांग ली। शुक्रवार देर रात रिश्वत का मामला वायरल हुआ तो तहसील प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में एसडीएम सदर ने शनिवार को आरोपित लेखपाल को निलंबित कर दिया। मामले की जांच नायब तहसीलदार को सौंपी गई है। ऐसे में अगर निश्पक्ष जांच हुई तो कई बड़े अधिकारियों के नाम भी सामने आएंगे।
ऋण मोचन योजना के तहत जिले में एक लाख तीन हजार 684 किसानों का कर्ज माफ होना है। पहले चरण वाले किसानों के सत्यापन के लिए सूची तहसीलों पर भेजी गई। वहां लेखपालों के माध्यम से सत्यापन कार्य अंतिम चरण में है। शासनादेश में साफ है कि इसमें लघु व सीमांत किसान ही ऋण माफी के दायरे में आएंगे। पात्रता के मानदंड भी निर्धारित कर दिए गए हैं। इसके बाद भी कई लेखपाल किसानों को झांसे में लेकर पात्रों की सूची में नाम शामिल करने के लिए सुविधा शुल्क वसूल रहे हैं। इन्हीं में से एक कटहरा गांव के लेखपाल रामबचन प्रजापति का घूस लेते वीडियो वायरल हुआ।
वीडियो में दिखाया गया है कि लेखपाल रामबचन किसान पूर्णमासी साहनी से कर्जमाफी के लिए सुविधा शुल्क की मांग कर रहा है। लेकिन किसान ने पर्याप्त पैसा नहीं होने का हवाला देकर करीब 200 रुपए किसी तरह से जुगाड़ कर लेखपाल को दिया। उसे लेखपाल ने अपने ऊपर वाले पॉकेट में रख लिया। वीडियो वायरल होते ही तहसील प्रशासन सकते में आ गया। जिम्मेदारों के हाथ पांव फूल गए। इस पर एसडीएम सदर देवेश कुमार गुप्त ने तत्काल आरोपित लेखपाल रामबचन को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में वह तहसील से संबद्ध रहेगा।