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गोरखपुर का ‘जवाहर पार्क है धर्मशाला बाजार का गुजराती टोला

मथुरा के ‘जवाहर पार्क की तर्ज पर विकसित रेलवे स्टेशन रोड के अवैध बस्ती को तो प्रशासन ने उजाड़ दिया लेकिन शहर में अभी भी कई जवाहर पार्क है। सबसे बड़ा अवैध कब्जा धर्मशाला बाजार का गुजराती टोला है जहां...

गोरखपुर का ‘जवाहर पार्क है धर्मशाला बाजार का गुजराती टोला
Center,GorakhpurWed, 24 May 2017 10:42 PM
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मथुरा के ‘जवाहर पार्क की तर्ज पर विकसित रेलवे स्टेशन रोड के अवैध बस्ती को तो प्रशासन ने उजाड़ दिया लेकिन शहर में अभी भी कई जवाहर पार्क है। सबसे बड़ा अवैध कब्जा धर्मशाला बाजार का गुजराती टोला है जहां वर्षों से बंजारे अवैध तरीके से कब्जा कर रह रहे हैं। धर्मशाला बाजार में गुरूद्वारा के पास बीते चार दशक से गुजराती टोला आबाद है। नगर निगम की करीब 75 डिसमिल जमीन पर 100 से अधिक परिवार काबिज हैं। यहां प्राथमिक स्कूल और सुलभ शौचालय भी है लेकिन दोनों वजूद के लिए जूझ रहे हैं। गंदगी और दिक्कतों को देखते हुए स्थानीय लोग दर्जनों पत्र प्रशासनिक अफसरों को सौंप चुके हैं। दशक भर पहले नगर निगम ने इन्हें हटाने की कवायद की थी लेकिन तब टकराव की स्थिति बनने के बाद अफसरों ने पांव पीछे खींच लिये थे। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि नेताओं के वोटबैंक के चलते इनपर कोई कर्रवाई नहीं हो पा रही है। इन्हें राशन कार्ड, आधार कार्ड, बिजली कनेक्शन की सुविधाएं मिली हैं। मुख्य कर निर्धारण रबीश चन्द्र का कहना है कि निगम की जितनी जमीन है उसकी पैमाइश कराई जाएगी। जितने क्षेत्र के अवैध कब्जा है उसे खाली कराया जाएगा। दो स्कूलों पर भी कर रखा है अवैध कब्जा गुजराती टोला में स्थित प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूल का बुरा हाल है। प्राथमिक स्कूल के जर्जर भवन में बंजारों का कब्जा है। किचेन के नाम पर बने भवन में पांच कक्षाओं के बच्चे पढ़ते हैं। पांच कक्षाओं को मिलाकर सिर्फ 15 बच्चों का पंजीकरण है। यहां एक शिक्षिका की तैनाती है। बंजारों के बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों में है लेकिन फ्री में मिड डे मील के लिए सरकारी स्कूल में भी पंजीकरण है। ठीक बगल में स्थित पूर्व माध्यमिक स्कूल के बरामदे में बंजारों का कब्जा है। कहने को यहां 95 बच्चों का पंजीकरण है, लेकिन आते बामुश्किल 30 बच्चे है। इन्हें पढ़ाने के लिए तीन शिक्षकों की तैनाती है। कपड़े बेच कर पालते हैं पेट गुजराती टोला के लोग नये वर्तन के एवज में पुराना कपड़ा लेते हैं और उसे दुरूस्त कर चौरीचौरा के भोपा बाजार और धर्मशाला अंडर पास के समीप बेचते हैं। पिछले 39 साल से इसी टोले में रहने वाले संजय का कहना है कि जन्म यहीं हुआ। अब कहां जाएं। वहीं लालजी का कहना है कि सरकार को गरीबों के लिए कुछ जमीन छोड़ देनी चाहिए। करोड़ों की जमीन पर है अवैध कब्जा लापरवाही के चलते नगर निगम, आवास विकास, पीडब्लूडी और सिंचाई विभाग की बेशकीमती जमीनों पर कब्जा है। शाहपुर आवास विकास कालोनी में करोड़ों की आवासीय जमीन पर अवैध कब्जा है। बसपा शासनकाल में डीएम ने 24 दलितों को जमीन पट्टा किया था। फिलहाल करीब 80 परिवार अवैध तरीके से कब्जा कर रह रहे हैं। देवरिया बाइपास पर लोक निर्माण विभाग की करीब दो एकड़ जमीन अवैध कब्जे के जद में है।

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