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फाइलों के दुश्‍मन खत्‍म करने को पाल लीं बिल्लियां 

गोरखपुर। आशीष श्रीवास्‍तव किचेन में चुपके से आकर दूध चट कर जाने वाली बिल्लियों से भले आप कभी परेशान हुए हों। लेकिन गोरखपुर कलेक्‍ट्रेट में बिल्लियों की इस भूमिका के बारे में जानकर आप यह...

फाइलों के दुश्‍मन खत्‍म करने को पाल लीं बिल्लियां 
आशीष श्रीवास्‍तव,गोरखपुरWed, 02 Aug 2017 10:48 PM
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गोरखपुर। आशीष श्रीवास्‍तव

किचेन में चुपके से आकर दूध चट कर जाने वाली बिल्लियों से भले आप कभी परेशान हुए हों। लेकिन गोरखपुर कलेक्‍ट्रेट में बिल्लियों की इस भूमिका के बारे में जानकर आप यह जरूर मानेंगे कि बिल्लियां हमारे बहुत काम की हो सकती हैं। कलेक्‍ट्रेट में बिल्लियां वहां लगाई गई हैं जहां जिले भर के लोगों के सबसे कीमती दस्‍तावेज महफूज रहते हैं। जहां जरा सी चूक हो जाये तो किसी की जमीन चली जाये या फिर शहर के किसी एक हिस्‍से का नक्‍शा ही न बचे। 

जी हां! हम बात कर रहे हैं राजस्‍व अभिलेखागार की। वहां लोगों के महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेजों की सुरक्षा में बिल्लियां तैनात हैं। जाहिर है कि इन दस्‍तावेजों के सबसे बड़े दुश्‍मन चूहों से इन्‍हें बचाने के लिए। इन बिल्लियों की तैनाती की कहानी भी कम दिलचस्‍प नहीं है। हुआ ये कि कुछ दिन पहले अभिलेखागार में तीन बिल्लियां घुस आईं। पहले तो कर्मचारियों ने उन्‍हें भगाने की कोशिश की लेकिन एक कर्मचारी ने बिल्‍ली को चूहे का शिकार करते देखा तो उसे इनकी मदद से अभिलेखागार की सुरक्षा का आईडिया सूझने लगा। कर्मचारी ने साथियों से इसकी चर्चा की तो सब मिलकर बिल्लियों को पालने पर राजी हो गए। 

इतने दिन बाद कर्मचारियों का मानना है कि इन बिल्लियों के आ जाने से चूहों का आतंक काफी हद तक हो कम हो गया है। अभिलेखागार के बगल में काम करने वाले अधिवक्ता सुरेन्द्र पाठक ने बताया कि अंदर रहने वाली बिल्लियां बाहर भी आती हैं और बड़े ही प्रेम से रहती हैं। इनके आ जाने से अभिलेखागार के चूहे दुम दबाकर भाग रहे हैं। यहां काफी सुकून है। यहां के लोग ही बिल्लियों के खाने-पीने का इंतजाम करते हैं। कोई इन्हें दूध पिलाता है तो कोई रोटी के टुकड़े देता है। 

पहले अक्सर नुकसान पहुंचाते थे चूहे

बिल्लियों के आने के पहले छोटे-छोटे चूहे यहां काफी नुकसान करते थे। यहां रखी महत्वपूर्ण सामग्रियों को भी कुतरते रहते थे। बड़े-बड़े बोरों को कुतर देते थे। इससे यहां का स्टाफ काफी परेशान रहता था।  
 

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