एनजीटी में कांच उद्योग के खिलाफ मामले में सरकारी लापरवाही उजागर
कांच नगरी के खिलाफ याचिका पर हुई सुनवाई पर शहर के उद्यमियों की निगाहें टिकी रहीं। सुनवाई के दौरान मामले की पैरवी में लापरवाही सामने आई। यूपी सरकार के अधिवक्ता भी पैरवी के लिए नहीं पहुंचे। ना ही जिले...
कांच नगरी के खिलाफ याचिका पर हुई सुनवाई पर शहर के उद्यमियों की निगाहें टिकी रहीं। सुनवाई के दौरान मामले की पैरवी में लापरवाही सामने आई। यूपी सरकार के अधिवक्ता भी पैरवी के लिए नहीं पहुंचे। ना ही जिले का कोई अधिकारी पहुंचा। जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली में बुधवार को सुहाग नगरी के कांच उद्योग के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की गई। इस दौरान अदालत के दौरान उद्योग का पक्ष रखने के लिए राज्य सरकार के स्टेंडिंग काउंसिल उपस्थित नहीं हुए। मामले की पैरवी के लिए जनपद से उद्योग विभाग या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। जिस पर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए नाराजगी व्यक्त की। इधर मामले की पैरवी से जुड़े नगर के प्रमुख एक्सपोर्टर मुकेश बंसल टोनी ने कांच उद्योग को लेकर एनजीटी में चल रहे मामले की पैरवी में राज्य सरकार के अधिवक्ता एवं जनपद के अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पैरवी में अगर इसी तरह ढिलाई बरती जाती रही तो एनजीटी की अदालत एक पक्षीय फैसला सुनाने पर विवश हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सम्बंधित अधिकारियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द उद्यमी संगठन की ओर से जिलाधिकारी को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा।