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इलाज के अभाव में बेटे की मौत

सर्पदंश से बेटे की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी। किसी प्रकार की कार्रवाई न होने पर सोमवार को महिला भड़क गई। वह लोहिया अस्पताल इमरजेंसी पहुंची। यहां पर महिला ने डाक्टर का इस्तीफा मांगते हुए जमकर...

इलाज के अभाव में बेटे की मौत
Center,KanpurMon, 22 May 2017 10:34 PM
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सर्पदंश से बेटे की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी। किसी प्रकार की कार्रवाई न होने पर सोमवार को महिला भड़क गई। वह लोहिया अस्पताल इमरजेंसी पहुंची। यहां पर महिला ने डाक्टर का इस्तीफा मांगते हुए जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ कर दी। इमरजेंसी गेट बंद कर दिया इससे करीब एक घंटे तक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गइं। जानकारी पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा। कांशीराम कालोनी हैवतपुर गढ़िया निवासी जीतू वर्मा का 9 वर्षीय बेटा कृष्णा उर्फ अंशू की सर्पदंश से 15 मई को मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप था कि डाक्टर नीरज यादव और फार्मासिस्ट जावेद ने भर्ती नहीं किया। इससे बच्चे की मौत हुई। इसको लेकर हंगामा किया गया था। इसके बाद सीएमओ ने जांच बैठाई थी। इस जांच में डिप्टी सीएमओ के अलावा फिजीशियन और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल किए गए। सात दिन होने के बाद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो दोपहर को अंशू की मां कंचन, निर्मला बाथम के साथ लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी पहुंची। यहां पर कंचन ने पहले हंगामा किया फिर अपना सिर दीवाल में मार दिया। इसके बाद बोर्ड पटकने लगी। हंगामा होने पर डयूटी पर तैनात डाक्टर अशोक कुमार मरीज को देखने के लिए ओपीडी की ओर चले गए। इस बीच महिला इमरजेंसी में आ गई। यहां पर उसने स्टूल उठाकर बाहर फेंका। इसके बाद डाक्टर की कुर्सी को बाहर फेंक दिया। बैठने वाले फर्नीचर को महिला ने उठाकर अस्पताल के बाहर डाल दिया। स्टूल से बोर्ड पर मारा जिससे बोर्ड का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। जब महिला का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उसने इमरजेंसी गेट बंद कर दिया और गेट के बाहर लेट गई। करीब एक घंटे तक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं। हंगामा होने पर मरीज व तीमारदारों की भीड़ लग गई। जानकारी पर कार्यवाहक सीएमएस बीके दुबे पहुंचे और इसके बाद महिला थाने की इंस्पेक्टर शगुफ्ता रिजवी, शहर कोतवाल द्रविड़ कुमार सिंह, आवास विकास चौकी इंचार्ज हेमंत सिंह और यूपी 100 के दरोगा डीसी सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने महिला को समझाया और कहा कि आप डीएम से शिकायत करे। हंगामा या तोड़फोड़ करोगी तो कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद निर्मला कंचन को लेकर चली गई। यहां पर कुछ भाकियू कार्यकर्ता भी महिला के समर्थन में आए। महिला रोती बिलखती डाक्टर के इस्तीफे और कार्रवाई की मांग करती रही।

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