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महिलाओं के सहयोग के बिना खेती करना असंभव

तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां में महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया। महिलाओं को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित किया। वक्ताओं ने कहा कि समय के साथ बदलाव लाकर कृषि को आय अर्जित करने का...

महिलाओं के सहयोग के बिना खेती करना असंभव
हिन्दुस्तान टीम,चित्रकूटSun, 15 Oct 2017 11:16 PM
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तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां में महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया। महिलाओं को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित किया। वक्ताओं ने कहा कि समय के साथ बदलाव लाकर कृषि को आय अर्जित करने का उत्तम साधन बनाएं। किसानी में महिलाओं का काफी योगदान होता है। उनकी मदद के बिना खेती कार्य करना बेहद कठिन है। कुछ महिलाओं को पोषकीय गृहवाटिका के लिये बीज दिये गये।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान सेमरिया दिव्या त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं जिन्हें तलाशने की जरूरत है। किसानों से कहा कि वह रोजगार की तलाश में पलायन न करें। गांव में ही काम ढूढें। महिलाओं का आज चाहे सामाजिक क्षेत्र हो या आर्थिक सभी में महिलाओं का अभूतपूर्व योगदान है। इसके साथ ही उन्होनें सभी महिलाओं को अपने गांव में नशामुक्ति के लिये जागरूक होकर नशा छोड़वाने के लिये अलग-अलग उपाय एवं प्रेरणा की बात की। कहा कि गांव में स्वच्छता को अपनाएं और अनेक बीमारियों से छुटकारा पाएं। डीबीटी के वरिष्ठ शोध सहायक हरेश्याम मिश्र ने सभी अतिथियों का परिचय कराया। विशिष्ट अतिथि सीमा पाण्डेय ने कहा कि सामाजिक जीवन में महिलाओं के बिना आगे बढ़ना संभव नहीं है। उन्हांेने बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ पर प्रकाश डाला तथा स्वच्छता का प्रभाव और अभाव पर भी महिलाओं से जानकारी साझा किया। केन्द्र के वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ नरेन्द्र सिंह ने कहा कि कृषि में महिलाओं की भागीदारी होने से समय एवं श्रम की बचत की जा सकती है तथा सुरक्षित तरीके से अनाज भण्डारण कर अनाज को बचाकर घर की आर्थिक बचत महिलाएं कर सकती हैं। गृह वैज्ञानिक डॉ विश्वलता सिंह ने बताया कि घर के आस-पास पड़ी खाली जमींन पर सब्जियां एवं फलदार पौधे लगाकर ताजी एवं स्वच्छ सब्जियां प्राप्त कर सकती हंै। इस कार्यक्रम में गनीवां, कुंई, बछरन, कल्ला, रानीपुर खाकी, बैहार आदि गांवों की 191 महिनला किसानों ने भाग लिया।

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