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चीनी पटाखे सेहत के लिए खतरनाक

चाइना मेड पटाखे व अन्य सामग्री अबकी बाजारों में बहुत कम नजर आ रही है। पटाखे की दुकानें सजने लगी हैं। इस वर्ष जिले में मिट्टी के बने दिए और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां पिछले वर्षों की तुलना में कुछ...

चीनी पटाखे सेहत के लिए खतरनाक
हिन्दुस्तान टीम,चित्रकूटMon, 16 Oct 2017 11:32 PM
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चाइना मेड पटाखे व अन्य सामग्री अबकी बाजारों में बहुत कम नजर आ रही है। पटाखे की दुकानें सजने लगी हैं। इस वर्ष जिले में मिट्टी के बने दिए और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां पिछले वर्षों की तुलना में कुछ ज्यादा ही दिख रही हैं। दीपावली के अभी देर होने के चलते इन सामानों की बिक्री अभी ज्यादा नहीं हुई है लेकिन मिट्टी की चीजों की बिक्री ज्यादा होने की उम्मींद हैं।

सोमवार को कर्वी शहर में जगह-जगह मिट्टी से बने दिए व लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां सज गई हैं। कर्वी के पुरानी बाजार, काली देवी चौराहा, धतुरहा चौराहा, ट्राफिक चौराहा, शंकर बाजार, इलाहाबाद रोड़ आदि इलाकों में मिट्टी के दिए व लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की दुकाने सज गई हैं। दीपावली पर्व में विभिन्न सामानों की खरीददारी लोग करते हैं जिसमें पूजा पाठ सामग्री के अलावा घर गृहस्थी का सामान लोग दुकानों में खरीदते हैं। अधिकतर दुकानों मंे स्वदेशी माल ही नजर आ रहा है। पिछले वर्षों इस पर्व में चाइन के बने इलेक्ट्रानिक सामान और पटाखों की बिक्री होती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। लोग स्वदेशी सामान को ही पसंद कर खरीददारी कर रहे हैं। ऐसे मंे वर्षों से मिट्टी के दिए व अन्य सामग्री बनाने वालों के चेहरों में मुस्कुराहट साफ नजर आ रही है। मिट्टी के दिए व मूर्तियां बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि चाइना सामग्री का विरोध होने के कारण अबकी ज्यादा सामान बना लिया है लेकिन अभी तक कोई खास बिक्री नहीं हुई है। अभी तो पिछले साल जैसी ही बिक्री हो रही है। उम्मींद है कि पर्व के अंतिम दिनों में उनका बनाया पूरा सामान बिक जाएगा। वहीं दूसरी तरफ इस वर्ष दो पहिया व चार पहिया वाहनों के खरीददारों की संख्या ज्यादा बढ़ी हुई है। वाहन विक्रेता ललक सिंह ने बताया कि इस वर्ष अनुमान से अधिक वाहन विकने की संभावना है। सभी एजेंसियों में व्यापारियों ने जीएसटी की जानकारी के लिए एजेंट व अधिवक्ताओं को बैठाया गया है जिससे ग्राहकों को संतुष्ट किया जा सके। पिछले सालों की अपेक्षा इस वर्ष दो पहिया व चार पहिया वाहन कुछ सस्ते हुए हैं।

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