सीएम साहब, खाद रैक प्वाइंट की कब होगी शुरुआत!
कृषि प्रधान जिले में पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 25 अक्तूबर को आगमन हो रहा है। सीएम के हाथों प्रस्तावित ओवरब्रिज निर्माण के शिलान्यास के साथ ही कई परियोजनाओं के शुरुआत भी होगी। ऐसे में...
कृषि प्रधान जिले में पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 25 अक्तूबर को आगमन हो रहा है। सीएम के हाथों प्रस्तावित ओवरब्रिज निर्माण के शिलान्यास के साथ ही कई परियोजनाओं के शुरुआत भी होगी। ऐसे में जिलेवासियों की उम्मीद परवार चढ़ने लगी है। खासकर किसानों को लंबे समय से खाद रैक प्वाइंट की शुरुआत होने की भी टकटकी लगी है। हालांकि देखना यह है कि किसानों की मुराद पूरी होती है या नहीं।
कृषि प्रधान जिले की लगभग 70 फीसदी आबादी आज भी खेतीबाड़ी पर ही निर्भर है। धान के कटोरे के रूप में विख्यात जिले में नहर व माइनर की कमी नहीं है। लेकिन हर साल किसानों को पीक सीजन में खाद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। पीसीएफ व इफ्को केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में खाद समय से उपलब्ध नहीं होने से कइयों के खेती पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। खाद के लिए हर साल किसानों को सड़क पर उतरकर आंदोलन भी करना पड़ता है। किसानों की जटिल समस्या को देखते हुए पिछले साल तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री एवं सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय के सांसद निधि से 20 लाख रुपये की धनराशि और रेलवे के 6 लाख रुपये के अंशदान से मालगोदाम रोड पर खाद रैक प्वाइंट का निर्माण भी हो गया। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी अब तक एकबार भी खाद की रैक नहीं आ सकी।
पिछली बार हुई खाद की खपत :
रबी की बुआई के समय
11500 मिट्रिक टन यूरिया
5800 मिट्रिक टन डीएपी
118 मिट्रिक टन एनपीके
खरीफ की बुआई के समय :
8500 मिट्रिक टन यूरिया
4200 मिट्रिक टन डीएपी
100 मिट्रिक टन एनपीके
वाराणसी के भरोसे खाद की उपलब्धता
चंदौली जिले के सृजन के 20 साल बाद भी किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ता है। खाद की रैक वाराणसी जिले तक ही पहुंचती है। जहां से जिले के किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाता है। इससे खाद की समय से सप्लाई होने में काफी अड़चने आती है।
कोट :
1. मालगोदाम रोड पर 26 लाख रुपये की लागत से 78 फीट लंबाई और 30 फीट चौड़ाई में रैक प्वाइंट का निर्माण हो चुका है। इसकी सूचना भी संबंधित विभाग को दी जा चुकी है। ... दयानंद, सीनियर डीसीएम मुगलसराय रेल मंडल।
2. खाद रैक प्वाइंट की सुविधा उपलब्ध होने पर किसानों को काफी सहूलियत होगी। जिले में कुल 83 सहकारी समितियों व केंद्रों से खाद वितरित होती है। कई बार पीसीएफ से रैक प्वाइंट की ई-टेड्रिंग करने की मांग का जा चुकी है। ... विजय अग्रवाल, सहायक निबंधक सहकारिता।