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पीपल वृक्ष की हुई पूजा, सुहागिनों ने रखा व्रत

सोमवती अमावस्या का पर्व कालीन नगरी में सोमवार को पूरी आस्था और विधि-विधान से मनाया गया। सुहागिनों ने व्रत रखा और पति की दीर्घायु की कामना करते हुए पीपल के वृक्ष की पूजा-अर्चना की। पीपल के पेड़ पर...

पीपल वृक्ष की हुई पूजा, सुहागिनों ने रखा व्रत
हिन्दुस्तान टीम,भदोहीMon, 21 Aug 2017 11:52 PM
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सोमवती अमावस्या का पर्व कालीन नगरी में सोमवार को पूरी आस्था और विधि-विधान से मनाया गया। सुहागिनों ने व्रत रखा और पति की दीर्घायु की कामना करते हुए पीपल के वृक्ष की पूजा-अर्चना की। पीपल के पेड़ पर कच्चा धागा (सूत) लपेटा और 108 बार परिक्रमा कर कल्याण के लिए मन्नत मांगी। पीपल वृक्ष तले भोग में चना, मखाना का लावा, इलायची दाना आदि अर्पित किए गए। सुहाग का सामान भी चढ़ाया गया। उधर, जनपद के गंगा घाटों पर भी स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में आस्थावान पहुंचे। स्नान-ध्यान करने के बाद श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे जयकारे गूंजे। इस दिन वैदिक ब्राह्मणों ने कुश का पूजन कर, वैदिक कार्यो में वर्ष पर्यन्त उपयोग के लिए कुशा काटा। भाद्रपद (भादो) महीने में सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। अमावस्या का विशेष महत्व है। विवाहित महिलाओं द्वारा इस दिन अपने पतियों की दीर्घायु कामना के लिए व्रत व पूजन का विधान है। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का भी फल मिलता है। प्राचीन मान्यता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने से मनुष्य समृद्ध, सुखी और सभी दुखों से मुक्त होगा। ऐसे में सोमवती अमावस्या पर पीपल देवता का दर्शन-पूजन करने को महिलाओं की खासी भीड़ लगी रही। महिलाओं से कच्चा धागा (सूत) लपेटकर परिक्रमा की और पति की दीर्घायु और सलामती के लिए प्रार्थना की। विधि-विधान से पूजा कर पीपल देवता प्रसाद अर्पित किया।

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