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कोतवाल गए छुट्टी पर, अवैध खनन की जांच अधर में

सदर कोतवाली में विधायक योगेश वर्मा के देर रात को धरना देने और मुकदमे के दूसरे दिन ही मामला ठंडा हो गया। विवाद के बाद शहर कोतवाल छुट्टी पर चले गए। सोमवार को भी इस मामले में कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़...

कोतवाल गए छुट्टी पर, अवैध खनन की जांच अधर में
हिन्दुस्तान संवाद ,लखीमपुर खीरीMon, 24 Jul 2017 08:18 PM
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सदर कोतवाली में विधायक योगेश वर्मा के देर रात को धरना देने और मुकदमे के दूसरे दिन ही मामला ठंडा हो गया। विवाद के बाद शहर कोतवाल छुट्टी पर चले गए। सोमवार को भी इस मामले में कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। अलबत्ता प्रशासन मामले की जांच का दावा कर रहा है।

सदर विधायक योगेश वर्मा ने शनिवार रात बालू की सात ट्रालियां पकड़ी थीं। चार ट्रालियों के पास रॉयल्टी पाई गई थी। बाद में खनन इंस्पेक्टर ने जांच की तो पाया कि जो चार रॉयल्टी मिली है, उसमें भी तीन फर्जी हैं। एक रॉयल्टी सही थी तो एक ट्राली को छोड़ दिया गया। बाकी छह को सीज कर जांच शुरू हो गई। 
बताया जा रहा है कि जांच के नाम पर लीपापोती शुरू हो गई है। खनन इंस्पेक्टर अभी तक जिस तीन रॉयल्टी को फर्जी बता रहे थे, अब सही बता रहे हैं। खनन इंस्पेक्टर सुखेंद्रर सिंह ने बताया कि जांच चल रही है। जल्द ही कार्रवाई होगी। विधायक पर हमला करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। पुलिस भी जांच का दावा कर रही है। उधर शहर कोतवाल कुलदीप तिवारी दो दिन की छुट्टी पर चले गए हैं। धरने के दौरान विधायक ने कोतवाल पर कार्रवाई की मांग की थी। एसपी डॉक्टर एस चनप्पा ने बताया कि मामले की जांच जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचेगी।

जवाब मांगते सवाल

  • रॉयल्टी सही थी तो उस दिन मौके से सभी ट्रालियां क्यों नहीं छोड़ी गई। सिर्फ एक ही ट्राली क्यों छोड़ी गई। 
  • क्यों सभी ट्रालियों को सीज कर दिया गया? 
  • क्यों खनन इंस्पेक्टर ने डीएम से झूठ बोला था कि तीन रॉयल्टी फर्जी हैं।  

डंप के नाम पर चल रहा बड़ा खेल
जिले में जिनके पास बालू को डंप करने और उसके भंडारण का लाइसेंस है, उनके पास कभी बालू खत्म नहीं होती। प्रशासन के अनुसार कहीं खनन नहीं हो रहा है पर ये ठेकेदार रोज सैकड़ों ट्रॉली बालू बेचते हैं। भंडारण में कोई कमी आ नहीं रही है। ठेकेदारों के पास बालू का जो स्टॉक एक महीना पहले था, वहीं आज भी है और वही आने वाले एक महीने बाद भी रहेगा। रोज सैकड़ों ट्राली बालू बिक रही है। सवाल यह है कि आखिर ये बालू आ कहां से आ रही है।

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