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VIDEO:पैरों में घाव हुए फिर भी 13 दिन से शिव की परिक्रमा कर रहा कुत्ता

पैरों में घाव हो गए, फिर भी बिना अन्न-पानी ग्रहण किए कुत्ता 13 दिनों से शिव मंदिर की परिक्रमा किए जा रहा है। सात दिन तक बिना रुके परिक्रमा करने वाला कुत्ता अब थक कर चूर हो चुका है। सात दिन बाद वह बीच

Suman.agarwalअमित त्रिपाठी ,बांदाFri, 19 May 2017 06:08 PM

पैरों में घाव हो गए फिर भी 13 दिन से शिव की परिक्रमा कर रहा कुत्ता

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पैरों में घाव हो गए, फिर भी बिना अन्न-पानी ग्रहण किए कुत्ता 13 दिनों से शिव मंदिर की परिक्रमा किए जा रहा है। सात दिन तक बिना रुके परिक्रमा करने वाला कुत्ता अब थक कर चूर हो चुका है। सात दिन बाद वह बीच मे कुछ-कुछ देर के लिए रुकता है और फिर परिक्रमा शुरू कर देता है। गांव के लोग रोटी-पानी देते हैं लेकिन वह न तो अन्य खाता है और न पानी पीता है, बीच में थोड़ा दूध पीता है और रात-दिन परिक्रमा लगाता रहता है।

बांदा में कमासिन ब्लाक के अमलोखर गांव में इस काले कुत्ते ने सात मई को शिव मंदिर की परिक्रमा शुरू की थी, उसके पैर के तलवे परिक्रमा करते-करते पक गए हैं, इसके बाद अब भी वह हर रोज पांच से छह घंटे तक परिक्रमा करता है। गांव के लोग उसे भगवान् का रूप मानते हैं। ग्रामीणों का कहना था कि कुछ दिन पहले कुत्ता हवन कुंड में कूद गया था, जिससे वह जल गया था। एक दिन बाद उसकि चोट ठीक हो गयी। इसे लोग ईश्वर की कृपा ही मान रहे हैं। परिक्रमा के सातवें दिन गांव के लोगों ने मंदिर में पहुंचकर भंडारे का आयोजन किया।

प्रसाद के रूप में खाई थी खीर

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बताते हैं कि भंडारे के दिन कुत्ते ने प्रसाद के रूप में खीर खायी थी। गांव के पूर्व प्रधान विजय नारायण पाठक ने बताया कि लगातार 13 दिन तक परिक्रमा करते समय कुत्ते ने सिर्फ दूध पिया। वह मंदिर छोड़कर कहीं नहीं गया। मंदिर के चबूतरे से नीचे उतरकर शौच करता है तो गांव के लोग उसे खुद फेंकते हैं।

पूरे गांव के लोग दूध लेकर मंदिर में पहुंचने लगे हैं। कुत्ता जिसका दूध पी लेता है तो लोग उसे ईश्वर की कृपा मानते हैं और खुद को खुशनसीब मानते हैं। गांव के लोग माला फूल लेकर कुत्ते के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। गांव के पूर्व फौजी राजेंद्र तिवारी का कहना है कि फौज में रहने के बाद इन बातों पर विश्वास नहीं था। मंदिर जाकर देखा तो विश्वास हुआ कि कोई दैवीय शक्ति है। गांव के लोगों का कहना है कि कुत्ते पर भगवान् शिव की बहुत बड़ी कृपा है। 

गांव के कामता, भोजन, वृजगोपाल का कहना है कि गांव पर ईश्वर की कृपा है। गांव की महिलाएं हर रोज सुबह शाम पूजन को पहुंच रही हैं। आसपास का जो भी व्यक्ति सुन रहा है मंदिर पर पहुंच रहा है। मंदिर पर रामायण से लेकर शिव चालीसा का पाठ हो रहा है। गांव के लोगों ने बताया कि कई दिनों तक परिक्रमा करने के बाद कुत्ता थका तो है लेकिन हिम्मत नहीं हारी है।