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मानकों को ताक पर चल रहे निजी अस्पताल

जिलाधिकारी के निर्देश पर बुधवार को नगर के आधा दर्जन निजी अस्पतालों/नर्सिंग होम में स्वास्थ्य विभाग की टीम, एसडीएम, सीओ ने छापेमारी की। अस्पतालों में ढेरों खामियां मिली जिसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग...

मानकों को ताक पर चल रहे निजी अस्पताल
हिन्दुस्तान टीम,बागपतWed, 18 Oct 2017 10:40 PM
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जिलाधिकारी के निर्देश पर बुधवार को नगर के आधा दर्जन निजी अस्पतालों/नर्सिंग होम में स्वास्थ्य विभाग की टीम, एसडीएम, सीओ ने छापेमारी की। अस्पतालों में ढेरों खामियां मिली जिसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिलाधिकारी को सौंप दी।

बुधवार को जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम डिप्टी सीएमओ डॉ. जितेंद्र वर्मा के नेतृत्व में बड़ौत पहुंची। यहां से एसडीएम अरविंद कुमार द्विवेदी, सीओ रामानंद कुशवाहा को साथ लेकर नगर के आधा दर्जन निजी अस्पतालों/नर्सिंग होम में छापेमारी अभियान शुरू किया गया।

इन अस्पतालों में सभी तरह के मानकों, रजिस्ट्रेशन, स्टॉफ, मरीजों के इलाज, चिकित्सकों, स्टॉफ की डिग्रियां/डिप्लोमा आदि सभी बिंदुओं पर जांच की गई। छपरौली रोड स्थित सरस्वती नर्सिंग होम, कोताना रोड स्थित चौधरी जिले सिंह मैमोरियल अस्पताल, बावली चुंगी के नजदीक स्थित मेट्रो हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर स्थित आशा नर्सिंग होम आदि अस्पतालों में टीम द्वारा औचक्क छापेमारी से हड़कंप मच गया।

इन सभी अस्पतालों में बायो वेस्टेज का उचित प्रबंध ना होना, गंदगी, मरीजों का ठीक से उपचार समेत अन्य खामियां पाई गई। आशा नर्सिंग होम में तो टीम को प्रतिबंधित ऑक्सीटॉक्सिन दवाई व कॉम्पोज नामक इंजेक्शान भी आप्रेशन थियेटर में मिला जो खुले में रखे हुए थे और इनके बिल भी मौजूद नहीं थे।

इस पर डिप्टी सीएमओ ने यहां मौजूद चिकित्सकों, स्टॉफ को कड़ी फटकरार लगाई। आयुर्वेदिक अस्पताल के रूप में पंजीकृत होने के बावजूद यहां पर ऐलोपैथी उपचार कराया जा रहा है।

डिप्टी सीएमओ डॉ. जितेंद्र वर्मा ने बताया कि चौधरी जिले सिंह मेमोरियल अस्पताल में क्लिनिक के नाम पर पंजीकरण कराया हुआ मिला जबकि यहां पर नर्सिंग होम का संचालन हो रहा है। बायो वेस्टेज का प्रबंध यहां पर भी नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि आशा जिन अस्पतालों/नर्सिंग होम पर छापेमारी की गई है, उनमें ऐसी गर्भवती महिलाएं भर्ती थी या उनकी डिलवरी हो चुकी थी, जिन्हें गांव की आशाओं द्वारा भर्ती कराया गया था।

सरकारी अस्पताल में ना ले जाकर गर्भवती महिलाओं का निजी अस्पतालों में उपचार आशाओं द्वारा कराया गाया है। इस मामले में आरोपी आशाओं को निलंबित कर उनकी सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही सभी आशाओं की मीटिंग बुला उन्हें चेतावनी दी जाएगी। अस्पतालों में की गई छापेमारी की पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

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