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कब्जा हटाने गयी टीम का महिलाओं ने किया विरोध

तहसील क्षेत्र के हथनौरा कला गांव की पोखरी पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा किया था। प्रधान की शिकायत पर शुक्रवार को एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स टीम वहां पहुंची तो महिलाओं के विरोध का उन्हें सामना करना पड़ा।...

कब्जा हटाने गयी टीम का महिलाओं ने किया विरोध
हिन्दुस्तान टीम,आजमगढ़Fri, 23 Jun 2017 10:42 PM
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तहसील क्षेत्र के हथनौरा कला गांव की पोखरी पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा किया था। प्रधान की शिकायत पर शुक्रवार को एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स टीम वहां पहुंची तो महिलाओं के विरोध का उन्हें सामना करना पड़ा। टीम ने महिला पुलिस की मौजूदगी में पोखरी से अवैध कब्जा हटाया। इससे गांव में गहमा-गहमी की स्थिति रही। फूलपुर तहसील के हथनौरा कला गांव में गाटा संख्या-85 सरकारी अभिलेख में पोखरी के रूप में दर्ज है। पोखरी को सरकारी धन से ही ग्रामसभा में खुदाई का भी कार्य कराया गया था। जबकि गांव के कुछ लोग उक्त पोखरी को जबरन पाटकर अवैध कब्जा कर रहे थे। इसकी लिखित शिकायत ग्राम प्रधान हरिश्चंद्र यादव ने एसडीएम फूलपुर से तहसील दिवस में किया। पोखरी की भूमि पर कब्जा करने वालों और कब्जा मुक्त कराने के लिए शुक्रवार को एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स टीम गांव में पहुंची। टीम को देखकर गांव की महिलाएं इसमें अवरोध पैदा करते हुए विरोध जताने लगी, जिससे टीम को वापस लौटना पड़ा। टीम प्रभारी नायब तहसीलदार मुकेश शर्मा ने एसडीएम फूलपुर से महिला पुलिस की मांग किये। एसडीएम ने एसएचओ फूलपुर को लिखित आदेश दिया कि महिला पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर पोखरी को मुक्त कराया जाय। एसएचओ रामायण सिंह दल-बल व महिला पुलिस के साथ गांव में पहुंचे। तब जाकर जेसीबी से पोखरी पर हुए अवैध कब्जे को हटाया गया। इससे कब्जेदारों में हड़कंप की स्थिति रही। एसडीएम मिश्रीलाल ने बताया कि पोखरी के बीचो बीच कई वर्ष पहले कुछ दबंगों ने रास्ता बना लिया था। काफी मशक्कत के बाद पोखरी पर से अवैध कब्जे को जेसीबी से हटाया गया। इनसेट... लेखपाल की उदासीनता से ग्रामीणों में रोष फूलपुर। तहसील क्षेत्र के उदपुर गांव में गाटा संख्या-388 चकमार्ग के रूप में सरकारी अभिलेखों में दर्ज है। इस चकमार्ग पर गांव के कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिये है। जबकि इसी चकमार्ग से ग्रामीणों का आना-जाना होता है। चकमार्ग को खाली करने के लिए ग्रामीणों व ग्राम प्रधान अनिता यादव ने तहसील समाधान दिवस पर प्रार्थना-पत्र दिये। जबकि क्षेत्रीय लेखपाल इसमें उदासीनता बरत रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की मांग किये हैं।

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