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25 साल बाद बरसे अश्विन में ऐसे बादल, जलमग्न जनपद

35 दिन के अंतराल में शुक्रवार सुबह से ही बादल जिलेभर में जमकर बरसे। कुछ ही देर में सड़कें और गलियां ही नहीं, सूखे खेत भी जलमग्न हो गए। बारिश से गन्ना किसानों के चेहरे खिल गए, लेकिन धान की फसल को लेकर...

25 साल बाद बरसे अश्विन में ऐसे बादल, जलमग्न जनपद
हिन्दुस्तान टीम,अमरोहाFri, 22 Sep 2017 05:20 PM
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35 दिन के अंतराल में शुक्रवार सुबह से ही बादल जिलेभर में जमकर बरसे। कुछ ही देर में सड़कें और गलियां ही नहीं, सूखे खेत भी जलमग्न हो गए। बारिश से गन्ना किसानों के चेहरे खिल गए, लेकिन धान की फसल को लेकर चिंता दिख गई। क्यूंकि किसानों का मानना है कि धान की जो फसल तैयार खड़ी थी, उसका दाना बारिश से खराब हो रहा है। साथ ही हवा चलने से धान की फसल जमीन पर गिर रही है। पिछले कई दिनों से बारिश होने का अनुमान शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे पूरा हो गया। हालांकि गुरुवार रात से ही हल्की बारिश की शुरूआत हो चुकी थी। लेकिन शुक्रवार को हुई बारिश लगातार बरस गई। अमरोहा शहर में पैदल ही नहीं, दो पहिया और चार पहिया वाहनों से भी लोगों को निकलना दोपहर एक बजे तक मुश्किल रहा। अमरोहा के बाजार कोट, सर्राफ बाजार, मोहल्ला नल और स्टेशन रोड समेत प्रमुख स्थान पानी में लबालब रहे। सुबह बादलों को देखकर स्कूल गए बच्चे, छुट्टी होने पर भीगते हुए घर लौटे। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 90 के दशक में हुई थी इस तरह बारिशमौसम विभाग विशेषज्ञ आरके शर्मा की मानें तो साल 1990 में सितंबर के अंतिम माह में इतनी बारिश हुई थी। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक शुक्रवार को 90 एमएम बारिश शाम चार बजे तक हो चुकी है, अनुमान है कि बारिश शनिवार को भी हो सकती है। इससे गन्ने के साथ चारे, सरसो और गेंहू की फसल समय से बुआई करने में किसानों को मदद मिलेगी।

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