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अब घर बैठे मार्कशीट-सर्टिफिकेट देगा यूपी बोर्ड

यूपी बोर्ड से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट करने वालों को अपने मूल या डुप्लीकेट दस्तावेज लेने के भटकना नहीं पड़ेगा। शासन के निर्देश पर बोर्ड अभ्यर्थियों को घर बैठे अंकपत्र और प्रमाणपत्र की मूल या डुप्लीकेट...

अब घर बैठे मार्कशीट-सर्टिफिकेट देगा यूपी बोर्ड
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबादTue, 18 Jul 2017 03:23 PM
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यूपी बोर्ड से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट करने वालों को अपने मूल या डुप्लीकेट दस्तावेज लेने के भटकना नहीं पड़ेगा। शासन के निर्देश पर बोर्ड अभ्यर्थियों को घर बैठे अंकपत्र और प्रमाणपत्र की मूल या डुप्लीकेट प्रति उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। बोर्ड के नियमों के मुताबिक डुप्लीकेट या द्वितीय अंकपत्र प्राप्त करने के लिए 100 रुपये ट्रेजरी चालान जमा करके बोर्ड के प्राप्तांक अनुभाग में जमा करना होता है। पांच दिन के अंदर अंकपत्र मिलने का नियम है। डुप्लीकेट प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए 200 रुपये का चालान जमा करना होता है। आवेदन पत्र के साथ प्रधानाचार्य की रिपोर्ट, शपथ पत्र एवं किसी समाचारपत्र में मूल प्रति खोने संबंधी सूचना प्रकाशित करवानी पड़ती है। चालान, आवेदन पत्र आदि रसीद अनुभाग में जमा करना होता है। द्वितीय प्रमाणपत्र डाक से एक महीने में आवेदक के पते पर भेजने का नियम है। हालांकि कई बार आवेदकों को अपने रिकार्ड पाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के बावजूद लंबे समय तक भटकना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं ताकि अंकपत्र या प्रमाणपत्र के लिए लोगों को परेशान न होना पडे़। ऑनलाइन आवेदन के लिए बोर्ड साफ्टवेयर तैयार करवा रहा है। ट्रेजरी विभाग पहले से ऑनलाइन चालान जमा कर रहा है। अंकपत्र, प्रमाणपत्र, अंकपत्र सह प्रमाणपत्र की मूल या डुप्लीकेट प्रति के लिए आवेदकों को सभी आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होंगे। साथ ही अपना पहचान पत्र जैसे आधार, पैन कार्ड आदि भी अपलोड करना होगा ताकि बोर्ड को यह भरोसा हो सके कि जिसका प्रमाणपत्र है वही आवेदन कर रहा है। आवेदन मिलने के बाद बोर्ड अंकपत्र तो आवेदक के पते पर डाक के जरिए सीधे भेज देगा। मूल प्रमाणपत्र है तो संबंधित स्कूल को डाक से जाएगा और डुप्लीकेट प्रमाणपत्र आवेदक के पते पर डाक से भेजेंगे। हालांकि बोर्ड डुप्लीकेट प्रमाणपत्र को भी संबंधित स्कूल को भेजने पर विचार कर रहा है ताकि किसी दूसरे के हाथ में प्रमाणपत्र पहुंचने की गुंजाइश कम की जा सके। इनका कहना है अंकपत्र व प्रमाणपत्र की द्वितीय प्रतिलिपि जारी करने की प्रक्रिया ऑनलाइन करने के निर्देश शासन ने दिए हैं। इस पर विचार किया जा रहा है। नीना श्रीवास्तव, सचिव यूपी बोर्ड

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